मीडिया दर्शन मोहनिया कैमूर। स्थानीय प्रखंड क्षेत्र के बेलौड़ी गांव के एक ही घर से पांच हाजियों के हज कर हाजियों के लौटने के खुशी में मंगलवार को गांव में शानदार जश्न ए औलिया कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। जलसे की सदारत हजरत मंजर साहब किबला ने किया। वही जलसे का संचालन गैरा निवासी इब्नूल होदा ने किया। इस मौके पर लोगों की भारी भीड़ जलसे में जुटी रही।जलसे का आगाज कुरान की तिलावते करीमा से हुआ। उसके बाद शहर के मोहनिया के मौलाना मुस्ताक ने नातिया कलाम पढ़ने के साथ-साथ पैगम्बर मुहम्मद के चार सहाबा में से एक दूसरे खलीफा फारुख ए आजम हजरत उमर की कहानियों को बयां करते हुए बताया कि उमर ने खलीफा होने के बावजूद भी गरीबों और मजलूमों का किस तरह से वे मदद किए। आज के दौर में उनके दिए हुए पैगामो पर लोगों को चलने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हज करने वालों मां को नाराज करके मत जाना मां का आंचल जो उठे तो बेड़ा पार हो जाएगा।
बिहार भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व विधायक श्री मनोज शर्मा ने बयान जारी करते हुए कहा कि
इसके बाद सलमान कैमुरी ने नातिया कलाम पढ़कर पूरी महफिल को झकझोर दिया। उनके पढ़ने का कुछ अंदाज इस तरह था कि बहुत सहकर भी तेरा नाम लिए जाते हैं, तेरे दीवाने तुझे याद किए जाते हैं। वसीम खुरमबादी ने पढ़ा की खुसनसिबो के जो सरदार नजर आते हैं, ख्वाब में जिनको भी सरकार नजर आते हैं। वो तो दुनिया की दवाओं से भला क्या होगा, इश्क के अहमद में जो बीमार नजर आते हैं। शकील रहबत चैनपुरी ने पढ़ा की मदीने जाओ मदीना से जाके आ जाओ, नसीब अपना जगाओ जगा के आ जाओ। जलसे को संबोधित करते हुए हजरत मंजर साहब ने कहा कि जमींदार अरबपति खरबपति रहो सब बेकार है जब तक नबी की बारगाह में पहुंचे नहीं अल्लाह तक पहुंचना नामुमकिन है। उन्होंने पांचो हाजियों को मुबारकबाद देते हुए कहा कि इन्होंने वो चीज देखकर आए हैं जिन्हें देखने के बाद दिल की दुनिया में इंकलाब आ जाएगा। हज इस्लाम का बहुत बड़ा फरीदा है।जिसे समझने की लोगो को जरूरत है।