मीडिया दर्शन मोहनिया कैमुर। थाना क्षेत्र के दनियालपुर कुरई में शमशान की भूमि को लेकर दो पक्ष आमने-सामने हो गये।गांव से पश्चिम पोखरा के किनारे दोनों पक्ष के लोग जमा हो गये। एक पक्ष एससी वर्ग का कहना था कि सदियों से हमारे पूर्वजों का शव उक्त शमशान की भूमि पर दफनाया व जलाया जाता रहा है। जो आज भी कायम है। लेकिन कुछ दिनों पहले गांव के ही संजय सिंह ने शमशान के बगल वाले खेत को खरीद लिया है और अब शमशान की सरकारी जमीन को अपनी निजी जमीन कहते हुये अवैध रूप से उस पर कब्जा करना चाहते है।जबकि इस मामले में विगत 9 जुलाई 2023 को अंचल अमीन से भू मापी कराया गया था। जिसमें संजय सिंह की केवाला 50 डिसमील भूमि कम नही पड़ी बल्कि पूरी हो गयी थी।इसके बावजूद शमशान की भूमि पर अवैध कब्जा करना चाहते है। इस मामले को लेकर उक्त गांव के दर्जनों ग्रामीणों द्वारा जिलाधिकारी के जनता दरबार, डीसीएलआर, सीओ व थानाध्यक्ष को लिखित आवेदन देकर शमशान की भूमि को बरकरार रखने की गुहार लगाया था। ग्रामीणों का कहना है कि यदि सीओ व पुलिस इस मामले की शिकायत के बाद इसे गंभीरता से लिया होता तो यह विवाद टल गया होता और दोनों पक्ष आमने- सामने नही होते, पुलिस खुद इस मामले में शिथिलता बरत रहीं है वह चाहतीं है कि कुरई में शमशान की भूमि पर अवैध कब्जा हो और दोनों पक्षों में हिंसक झड़प हो जाये डीसीएलआर को दिये गये आवेदन में लिखा गया है कि 15 जुलाई 2023 को सीओ व थानाध्यक्ष को आवेदन दिया गया था लेकिन इस आवेदन पर दोनों पदाधिकारियों द्वारा संज्ञान नहीं लिया गया जिसका नतीजा रहा कि 22 जुलाई 2023 को संजय सिंह ने शमशान की भूमि में लगे
बिहार भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व विधायक श्री मनोज शर्मा ने बयान जारी करते हुए कहा कि
विशालकाय हरे शीशम के पेड़ को जेसीबी से उखाड़ दिया और ट्रैक्टर से मिट्टी भरकर ले गये साक्ष्य को मिटाने के लिए खुदाई की गयी मिट्टी वाले स्थान को भर दिया एवं पेड़ को टुकड़ा -टुकड़ा कर उठा ले गये इस मामले में एससी समुदाय के लोगों द्वारा 23 जुलाई को जनता दरबार में आवेदन दिया गया था जिस पर कोई विचार नहीं किया गया। वहीं दूसरे पक्ष का कहना है कि उक्त भूमि उनकी है जबकि पूर्व में शमशान की भूमि को लेकर उपजे विवाद का पटाक्षेप करते हुये दोनों पक्ष के बुद्धिजीवी लोगों द्वारा यह तय किया गया कि प्रश्नागत भूमि की मापी करा लिया जाये। यदि केवाला में अंकित भूमि का रकबा मापी के दौरान पूर्ण हो जाता है तो यह स्पष्ट हो जायेगा कि शेष बची भूमि जो सरकारी है वह शमशान की है। जो मापी के दौरान सही निकली उक्त स्थान पर शमशान की भूमि बरकरार है। जिसे संजय सिंह मानने के लिए तैयार नहीं है। जिसका नतीजा है कि वहां शमशान की भूमि को लेकर दिनों दिन तनाव बढ़ता जा रहा है। आक्रोशित ग्रामीणों ने शमशान की भूमि को कटिले तार से घेराबंदी कर दिया है। गुरुवार को उपजे विवाद में यदि मौके पर पुलिस नहीं पहुंची होती तो दोनों पक्षों के बीच खूनी संघर्ष का होना लगभग तय माना जा रहा था। संबंधित पदाधिकारियों को दिये गये आवेदनों पर मनोज कुमार, संतोष कुमार, राजेश कुमार, जयप्रकाश, प्रदीप कुमार, सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणों द्वारा हस्ताक्षर किया गया है।
# बोलीं प्रभारी सीओ
इस संबंध में पूछे जाने पर प्रभारी अंचल अधिकारी प्रियदर्शनी ने बताया कि यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है पूर्व में अंचलाधिकारी उक्त स्थल पर गए थे। लेकिन इस मामले में क्या हुआ इसकी मुझे कोई जानकारी नहीं है। हम संबंधित कर्मी से जानकारी लेने के बाद ही कुछ कह सकेंगे।
# बोलें पुलिस अधिकारी
इस मामले में घटनास्थल पर पहुचे एएसआई शिव शंकर प्रसाद ने कहा कि सूचना मिली की कुरई में शमशान की भूमि को लेकर दो पक्षों में विवाद की स्थिति है।दोनों पक्षों को समझा बुझा दिया गया है और उन्हें अपना अपना कागजात लेकर थाना पर बुलाया गया है।