भभुआ(कैमूर): कैमूर जिले में एक वृद्ध व्यक्ति का सहारा लोक शिकायत निवारण अधिनियम बना है, जहाँ वृद्ध का धोखे से चेक पर हस्ताक्षर कर बैंक से 9.32 लाख रुपये निकासी कर लिया गया था. इस मामले में वृद्ध जब बैंक पहुंचा तो वहाँ सुनवाई नहीं हुई और थाने में जाने को कहा गया. वहीँ जब पीड़ित थाने पहुंचा तो वहाँ भी सुनवाई नही हुई. आखिरकार पीड़ित के द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के महत्वकांक्षी कार्यक्रम लोक शिकायत निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कराया गया जहाँ लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी तथा एसपी की तत्परता से आखिरकार थाना में प्राथमिकी दर्ज करनी पड़ी.(कैमूर: वृद्ध का धोखे)
लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के आदेश के बाद संबंधित बैंक के शाखा प्रबंधक और चार अन्य फर्जीवाड़े करने वाले व्यक्ति पर दुर्गावती थाना में 9 मई 2022 को प्राथमिकी दर्ज की गई है. जिसके बाद 14 मई को लोक शिकायत से मामले का निष्पादन किया गया. लेकिन अभी तक किसी आरोपी की गिरफ्तारी नही की गई है. (कैमूर: वृद्ध का धोखे)
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क्या है मामला
रामगढ़ थानाक्षेत्र के कबिलासपुर के भटौनी गाँव निवासी भूलन राम ने अपनी बेटी की शादी के लिए 4 डिसमिल जमीन ढाई लाख रुपए प्रति डिसमिल की दर से अफजल अंसारी और पिता अजीम उल्लाह अंसारी शमशाद अंसारी और पिता करमुल्लाह अंसारी को लिखा लिखा था. वृद्ध के अनुसार भूमि लिखने के पश्चात 21.9.2021 को उनके बैंक में 8.5 लाख रुपये डालने के नाम पर बैंक जाकर कई जगह हस्ताक्षर कराया गया. इसी दौरान उनके स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के 3 चेक बुक धोखे से हस्ताक्षर करा लिए गए और दूसरे दिन चेक से उनके खाते से 9.32 लाख का निकासी कर लिया गया.
जब दूसरे दिन वह बैंक पहुंचे तो इसकी जानकारी हुई, लेकिन बैंक शाखा प्रबंधक के द्वारा उन्हें थाने भेज दिया गया. जब वह थाने गए तो प्राथमिकी दर्ज नहीं किया गया. जिसके बाद वे लोक शिकायत निवारण अधिनियम के तहत अपना मामला दर्ज कराया. जहां सुनवाई के बाद बैंक प्रबंधक समेत चारों आरोपी के खिलाफ दुर्गावती थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है. उन्होंने कहा कि बैंक शाखा प्रबंधक उसी दौरान रोक लगाते तो उनके पैसों की निकासी नहीं होती.
बोले लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी
इस संबंध में लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी संजीत कुमार के द्वारा बताया गया कि एक व्यक्ति के द्वारा लोक शिकायत निवारण में वाद दर्ज कराया गया जिसमें जमीन बेचने वालों पर ही धोखे से चेक पर हस्ताक्षर करा कर 9 लाख 32000 रुपये की निकासी की गई थी. जिस मामले में सुनवाई के बाद थाने के द्वारा 4 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है. जिसमें संबंधित शाखा प्रबंधक समेत अन्य आरोपी शामिल हैं. जिसके बाद 14 मई को वाद का निष्पादन किया गया.