रोहतास: सासाराम नगर निगम में एक बार फिर बड़ी करवाई देखने को मिली है, जहां प्रभारी प्रधान सहायक पप्पू कुमार को रिश्वत मांगने के मामले में निलंबित कर दिया गया है. बता दे कि सासाराम निवासी संजय गुप्ता उस संजय वैश्य ने रोहताश जिलाधिकारी को लिखित शिकायत आवेदन दिया था जिसमें सिक्योरिटी डिपाजिट मनी वापस करने के एवज में पप्पू कुमार द्वारा रिश्वत की मांग गई थी. जिसका ऑडियो रिकॉर्डिंग एवं व्हाट्स एप्प चैट भी प्रस्तुत किया गया था. लिखित आवेदन में संजय कुमार वैश्य ने बताया कि उनके भाई नगर निगम के संवेदक हैं और उनके द्वारा कई कार्य कराए गए हैं. उनके द्वारा जमा की गई सिक्योरिटी डिपाजिट वापस करने के एवज में प्रभारी प्रधान सहायक पप्पू कुमार द्वारा 50 प्रतिशत कमीशन की मांगी गई है. जब इसकी शिकायत रोहताश डीडीसी सह प्रभारी नगर आयुक्त से ठीक गई तो उन्हें लिखित आवेदन देने की बात कही. रिश्वत मांगने के मामले में संजय वैश्य ने लिखित शिकायत जिलाअधिकारी को किया था.(रिश्वत मांगने के जुर्म)
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आवेदन के आलोक में जिला अधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने लिखित आवेदन एवं कॉल रिकॉर्डिंग तथा व्हाट्स एप्प को देखते हुए गुरुवार को दो सदस्यीय कमेटी गठित किया था. इसमें अपर समाहर्ता जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी अनिल कुमार पांडे एवं वरीय उप समाहर्ता रोहतास सौरभ आलोक को जांच का जिम्मा दिया गया. वही शुक्रवार की दोपहर तक जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने प्रभारी प्रधान सहायक पप्पू कुमार को निलंबित करने का फरमान जारी कर दिया.(रिश्वत मांगने के जुर्म)
और कौन है रिश्वत का सहयोगी
नगर निगम के प्रधान सहायक द्वारा कमीशन के रूप में रिश्वत मांगने के आरोप में निलंबित होने के बाद नगर निगम सासाराम में एक बार फिर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है. वही पप्पू कुमार के निलंबन के बाद अन्य लोगों के साथ साथ अन्य अधिकारियों के भी पसीने छूटते दिखाई दे रहे हैं. संजय वैश्य द्वारा दिये गए आवेदन के माध्यम से बताया गया था कि पप्पू कुमार ने कहा है कि तुम्हें जो करना है कर लो मेरा कुछ नहीं बिगड़ने वाला क्योंकि इस रिश्वत के पैसे में और लोगों एवं अधिकारियों को भी कमीशन देना होता है. अब ऐसे में सवाल उठता है कि पप्पू कुमार द्वारा मांगे जाने वाला रिश्वत में कौन-कौन उनके सहयोगी है या किनके दिशा निर्देश पर पप्पू कुमार संवेदकों द्वारा कराए गए कार्यों का कमीशन मांगते हैं.