डेहरी ऑन सोन। गर्मी का मौसम आते ही परंपरागत शीतल पेय पदार्थ बेचने वालों की दुकानें सज गई हैं। पूरे बाजार में नींबू की शिकंजी, कच्चे व आम के शरबतों और लस्सी आदि की दुकानों पर इनके शौकीनों की खूब भीड़ लग रही है। परंतु नींबू के भाव में हुई बढ़ोतरी स्वाद का जैका बिगड़ रहा है जहां तेज गर्मी में नींबू के डिमांड अधिक होती है वही मूल्य भी इसके आसमान छू रहे हैं 10 से 12 रुपये प्रति पीस की दर से बाजार में नींबू बिक रहा है। इन शीतल पेयजलों की दुकानों पर जहां लोग प्यास बुझा रहे हैं वहीं मुंह का स्वाद भी बदल रहे हैं। चिकित्सकों की मानें तो बाजार में बिकने वाले बोतल बंद शीतल पेय की अपेक्षा ये परंपरागत पेयजल ज्यादा फायदेमंद हैं।
फलों का राजा कहे जाने वाले आम का उपयोग गर्मी के दिनों में लोग कई रूपों में करते हैं। कच्चे व पके आम से बने विभिन्न शरबतों का उपयोग इन दिनों बढ़ जाता है। कच्चे आम को पकाकर उसमें पुदीना, काला नमक, नींबू आदि मिलाकर पाना बनाया जाता है जिसकी खूब बिक्री इन दिनों देखी जा रही है। लोगों का मानना है कि कच्चे आम का पाना लू लगने से बचाता है। इसके अलावा इन दुकानों पर नींबू के शिकंजी की भी खूब मांग है। लोगों का कहना है कि नींबू का शरबत पीने से बार-बार प्यास नहीं लगती। इसके अलावा पके आम का शरबत भी लोगों की प्यास बुझा रहा है।
जिले में आम के फल नहीं पकने के कारण दूसरे राज्य से पके हुए आम मंगाए जा रहे हैं। बेल, तरबूज, गन्ना व अन्य फलों का रस गर्मी में लोगों को राहत पहुंचाता है। इन फलों के जूस का सेवन करने से गर्मी में लू लगने के अलावा कई बीमारियों से बचा जा सकता है। इन दिनों खरबूज, तरबूज की मांग भी जोरों पर है। शहर के रामा रानी चौक पर नींबू की शिकंजी और शरबत बेचने वाले दुकानदार रामचंद्र गुप्ता ने बताया कि गर्मी के मौसम में उनकी दुकान चलती है। पिछले वर्ष कोरोना काल में अपनी दुकान बंद रखे थे और ईस वर्ष नींबू की कीमत उनकी कमाई को खा रही है फिर भी वह गर्मी है अच्छी कमाई किया लगाए हुए हैं।