पटना| देश में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के ब्राण्ड ‘जॉय ई-बाईक’ के अग्रणी निर्माता वार्डविज़र्ड इनोवेशन्स एण्ड मोबिलिटी लिमिटेड ने आज एक गीत ‘साथ चलें’ के साथ अपने नए ब्राण्ड कैंपेन#भारत का जॉय लॉन्च किया है।(पटना: वार्डविज़र्ड खुशियां फैलाने)
देश के विभिन्न क्षेत्रों से लाखों भारतीयों की भावनाओं को साथ लेकर चलने वाले इस अभियान को कई चरणों में बांटा गया है, जो ‘जॉय ऑफ गिविंग’, ‘जॉय ऑफ केयरिंग’ और ‘जॉय और सेलेब्रेशन्स’ (यानि देने की खुशी, देखभाल की खुशी और जश्न की खुशी) जैसी अवधारणाओं के ज़रिए लोगों को मानवता के साथ जोड़ता है।
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कैंपेन के पहले चरण में भारत की विविध संस्कृति को दर्शाया गया है जो अपने नारे ‘देष ले रहा है इलेक्ट्रिक अंगड़ाई’ के साथ खुशी की भावनाओं से भारत को एकजुट करता है। यह अभियान हर व्यक्ति की उस खुशी को दर्शाता है जो देश के लिए कुछ करने की भावना से उन्हें मिलती है।
श्री यतिन गुप्ते, चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर, वार्डविज़र्ड इनोवेशन्स एण्ड मोबिलिटी लिमिटेड ने कहा
‘‘हमारा नया ब्राण्ड कैंपन खुशी एवं आनंद लाने के लिए समर्पित है। कैंपेन की फिल्म नैतिक मूल्यों के साथ देश की विविध संस्कृतियों पर रोशनी डालती है, और हर क्षेत्र एवं इसकी परम्पराओं की कहानी का अद्भुत चित्रण करती है। यह कैंपेन बताता है कि किस तरह देश इलेक्ट्रिक बदलाव के साथ स्वस्थ वातावरण की ओर रुख कर रहा है, साथ ही यह स्थायी आज एवं कल के निर्माण की दिशा में हमारे इरादे की पुष्टि करता है। सकारात्मकता और शक्ति का प्रतीक यह नया गीत ‘साथ चलें’ सभी भारतीयों की महत्वाकांक्षाओं के साथ गूंजता प्रतीत होता है।’’(पटना: वार्डविज़र्ड खुशियां फैलाने)
पूर्वी, पश्चिमी, दक्षिणी और उत्तर भारत की महान एकता को दर्शाते हुए इस गीत ‘साथ चलें’ का निर्देशन बड़ी ही खूबसूरती के साथ वशिष्ट महेन्द्र उपाध्याय द्वारा किया गया है। जाने-माने कम्पोज़र/ गीतकार सिद्धार्थ अमित भावसर ने इसे संगीत दिया है और हिंदी गीत को राघव कौशिक ने गाया है। इसके अलावा इस गीत को हिंदी, बंगाली, तेलुगु, कन्नड एवं मलयालम सहित 4 अन्य भाषाओं में भी रिलीज़ किया जाएगा। कैंपन का प्रसारण 360 डिग्री प्लेटफॉर्म मीडिया- यानि डिजिटल, टेलीविज़न, सोशल मीडिया, प्रिंट और आउटडोर के ज़रिए होगा, ताकि जॉय ई-बाईक के साथ ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को जोड़ा जा सके।
कैंपेन की अवधारणा और शूटिंग भारत के विभिन्न स्थानों पर की गई है। कश्मीर से शुरू होकर यह फिल्म वोल्फ प्लस, नानू प्लस और बीस्ट के साथ भारत के मुकुट की संस्कृति और भावनाओं को दर्शाती है, जहां ये स्कूटर -7 डिग्री सेल्सियस तापमान पर जोर्जिला पास (दुनिया की दूसरी सबसे खतरनाक सड़क) के बर्फीले रास्तों पर दौड़ते नज़र आते हैं और बैकग्राउण्ड में गीत ‘साथ चलें’ बज रहा होता है।(पटना: वार्डविज़र्ड खुशियां फैलाने)
अब यह फिल्म राजस्थान के जयपुर की ओर रुख कर जाती है, जहां राजस्थान की शाही संस्कृति और परम्पराओं को दर्शाया जाता है। राजस्थान के लोग आमेर किले के खूबसूरत नज़ारों के बीच वोल्फ़ प्लस की सवारी करते दिखाई देते हैं। इसके बाद वोल्फ प्लस वाराणसी के घाटों पर भारत की तंग गलियों में आध्यात्मिकता और भोजन की संस्कृति के बीच दौड़ता नज़र आता है।