चौसा मधेपुरा:-चौसा प्रखंड अंतर्गत चौसा पुर्वी पंचायत के वार्ड नंबर 2 प्राथमिक विद्यालय तुलसीपुर में ग्रामीणों द्वारा पठन-पाठन मध्यान भोजन स्कूल के कार्य हेतु रुपया 3 माह पूर्व राशि उठाने के बावजूद भी सामग्री की खरीदारी नहीं होने को लेकर ग्रामीणों ने जमकर बवाल काटा एवं प्रधानाध्यापक को ट्रांसफर करने की मांग किया वही ग्रामीणों की माने तो स्कूल में मीनू की हिसाब से भोजन नहीं दिया जाता है,अंडा की जगह सरा हुआ सेब दिया जाता है मध्यान भोजन में किटानु युक्त चावल बना कर भोजन दिया जाता है. शिक्षक समय पर नहीं आते हैं सहित अन्य मामले को लेकर ग्रामीणों ने जमकर बवाल काटे विद्यालय के बच्चों ने मध्याह्न भोजन योजना का पोल खोल कर रख दिया है.एक ओर सुशासन की सरकार ने सरकारी स्कूलो में मध्याह्न भोजन योजना का लाभ हर बच्चों को सुचारू ढंग से मुहैय्या कराये जाने की लक्ष्य को शत-प्रतिशत पालन कराने के लिये लगातार संबंधित अधिकारियों को निर्देश दे रही है तो वहीं आपूर्तिकर्ताओं और शिक्षकों द्वारा स्कूली छात्र-छात्राओं की सरकारी मीनू में कटौती की जा रही है। प्राथमिक विद्यालय तुलसीपुर में उस समय ऐसा देखने को मिला, जब शनिवार को ग्रामीणों ने एक बैठक आयोजित कर शिक्षा समिति से संबंधित कई योजनाओं के मुद्दे को लेकर आयोजित रखने का योजना बनाई तो ग्रामीणों ने शिक्षकों एवं रसोइयों का जमकर बवाल काटे ग्रामीण के बबाल के बाद पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि मदन कुमार मंडल, सरपंच प्रतिनिधि गजेंद्र ठाकुर,उप मुखिया चंद्रहास कुमार,वार्ड सदस्य रिंकू देवी,मणिकांत सहित आसपास के ग्रामीण पहुंचकर जब मामले की तहकीकात की तो सच पता चला कि कई महीने पूर्व स्कूल के विकास के लिए आए रुपए को निजी कार्य मे प्रधानाध्यापक द्वारा खर्च में कर दिया है एवं स्कूल की स्थिति मध्याह्न भोजन के समय विद्यालय में बच्चों को सरकारी मीनू के मुताबिक भोजन नहीं दिया गया।मौके पर मौजूद स्कूली बच्चों ने बताया कि शुक्रवार को सरकारी मीनू में अंडा भी है। लेकिन नही दिया जाता है.(भोजन नहीं मिलने पर)
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बच्चों ने बताया कि यहाँ सरकारी योजना के मीनू के अनुसार मध्याह्न भोजन नहीं दिया जाता है। हमेशा सिर्फ दाल-भात ही दिया जाता है और कभी-कभी तो वो भी घट जाता है तथा कई दिन तो खाने में मरी हुई मक्खियां भी मिली है। बच्चों के कहने का सीधा अर्थ है कि यहाँ मध्याह्न भोजन में काफी अनियमितत बरती जाती है. शिक्षा समिति के अध्यक्ष रिकू देवी ने बताया कि प्रभारी प्रधानाध्यापक अपने मनमाने तरिके से मध्याह्न भोजन योजना चलाते हैं। उस समय विद्यालय में प्रभारी प्रधानाध्यापक मौजूद नहीं थे। वहीं विद्यालय परिसर में काफी गंदगी और जंगल भी फैला हुआ है, जबकि सरकार के द्वारा पूरे देश भर में स्वच्छ भारत अभियान चलाई जा रही है। वहीँ मौके पर मौजूद विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों को बिहार में कितने जिले हैं, उन्हें यह भी मालूम नहीं है तो वो शिक्षक बच्चों को क्या पढायेंगे। आसपास के ग्रामीणों ने बताया कि इस स्कूल में कब शिक्षक आते और कब जाते हैं। यह भी पता ही नहीं चलता है। इस स्कूल में कोई अधिकारी भी देखने तक को नहीं आते हैं.मौके पर ग्रामीण पंचायत समिति प्रतिनिधि सुन्देश्वरी यादव,नवल किशोर मंडल, प्रिंस कुमार,सुनील कुमार, नितीश कुमार, अंकित कुमार, राहुल कुमार,पूनम कुमार, बंटी कुमार,विजय कुमार,रिया कुमारी, सिमरन कुमारी,पूजा कुमारी,मनीषा कुमारी,जूली कुमारी,उमेश यादव,मुखिया यादव,नरेश शाह,रंजीत यादव,सुल्तान यादव,पंकज मंडल सहित सैकड़ों ग्रामीणों ने स्कूल में पहुंचकर प्रधानाध्यापक को तबादले एवं विद्यालय में नियमित रूप से मध्यान भोजन नहीं चलने को लेकर जमकर विरोध एवं बवाल काटे, प्रधानाध्यापक मीना कुमारी ने बताया कि विद्यालय में आए हुए राशि की खर्च जल्द ही समान की खरीदारी की जाएगी जहां तक रही मध्यान भोजन सब सही रूप से चल एवं सभी आरोप निराधार हैं.वहीं मुखिया प्रतिनिधि मदन कुमार मंडल ने बताया कि स्कूल की शिक्षा व्यवस्था काफी दयनीय है ग्रामीणों द्वारा लिखित शिकायत प्रखंड से लेकर जिला तक के उच्च अधिकारी को लिखा जाएगा वही प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी नरेंद्र झा ने बताया कि स्कूल से शिक्षा एवं कई मुद्दे को लेकर वहा के ग्रामीण द्वारा फोन जानकारी मिली है ग्रामीणों द्वारा लिखित शिकायत मिलने पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी हालांकि इतनी बड़ी हो हंगामा के बाद भी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी लिखित शिकायत मांगे यह कहां तक सवाल बनती है हलांकि चौसा प्रखंड में कई बड़े-बड़े ऐसे मामले एवं मुद्दे आए फिर भी मामले को प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी द्वारा लीपापोती कर दी जाती है.