रांची। टीपीएससी कमांडर अभय यादव उर्फ सकेन्द्र यादव ने शुक्रवार को एसपी कार्यालय में उपायुक्त शशिरंजन और पलामू एमपी चंदन सिन्हा के समक्ष दो 3.15 बोल्ट एक्शन राइफल और 14 ज़िंदा गोली के साथ आत्मसमर्पण किया। उसपर ज़िले के चैनपुर, रामगढ़, गढ़वा के रमकंडा और रंका के इलाके में कई नक्सल घटनाओं को अंजाम देने का आरोप है। वर्ष 2021 में ही सजा काटकर पहली बार जेल से निकला था। नक्सली अभय यादव मूल रूप से ज़िला के रामगढ़ थाना क्षेत्र के मुसरमु गांव का है रहने वाला है। वह वर्ष 2014 में नक्सली संगठन में घर के गोतिया से जमीनी विवाद को लेकर नक्सली संगठन में शामिल हुआ था। संगठन में शामिल होने के बाद अपने जमीन पर कब्जा किया।
पत्नी के कहने पर नक्सली अभय यादव ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण
पत्नी के कहने पर नक्सली अभय यादव ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण एवं पुर्नवास नीति के तहत आत्मसमर्पण किया। एसपी औऱ उपायुक्त के अनुसार झारखण्ड सरकार द्वारा उद्घोषित आत्मसमर्पण एवं पुर्नवास नीति के तहत सरकार के द्वारा तय की गई राशि आत्मसमर्पित क्रियावादी को दी जायेगी। इसके अलावा झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुर्नवास नीति के अन्य प्रावधानों जैसे आवास निर्माण हेतु जमीन एवं राशि भविष्य में रोजगार हेतु व्यवसायिक प्रशिक्षण पुत्र एवं पुत्रियों को स्नातक स्तर तक शिक्षा व्यवस्था एवं सरकारी बैंकों से स्वनियोजित हेतु लोन एवं स्वयं के तथा आश्रितों के जीवन बीमा हेतु प्रीमियम इत्यादि को लागू करने की कार्यवाई प्रक्रियाधीन है। जिला अंतर्गत कई उग्रवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं या फिर सुरक्षाबलों द्वारा गिरफतार किया गया है या मार गिराया गया है। इससे पलामू क्षेत्र में उग्रवादियों की पकड़ काफी कमजोर हुई है, चूंकि अभय यादव रामगढ़ थाना क्षेत्र के स्थानीय निवासी है। इनके मुख्य धारा में वापस आने से जहां टीएसपीसी संगठन को एक शीर्ष नेतृत्व की हानि होगी।