पटना ब्यूरो। सारण पंचायत स्तरीय विधान परिषद सीट से राजद के टिकट पर चुनाव लड़ चुके सुधांशु रंजन बुधवार की देर शाम पटना में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मिलकर खुद को सुरक्षा मुहैया कराए जाने की मांग की उन्होंने कहा कि क्षेत्र में उनकी लोकप्रियता गरीब वंचित समाज की लड़ाई लड़ने के कारण स्थानीय अपराधियों और माफियाओं से उनको जान का खतरा है पूर्व में भी उनके ऊपर कई बार हमला हो चुका है। सुधांशु रंजन को सुरक्षा मुहैया कराए जाने को लेकर जिला प्रभारी मंत्री सुमित कुमार सिंह जिले से ही संबंधित खेल मंत्री जितेंद्र राय और श्रम मंत्री सुरेंद्र राम ने भी वरीय पुलिस पदाधिकारियों को पत्र लिखकर उचित सुरक्षा मुहैया कराने का आग्रह किया है।
सुधांशु रंजन ने बताया कि उन्होंने सारण समेत खासकर माझी विधानसभा की जन समस्याओं की तरफ तेजस्वी का ध्यान आकृष्ट कराया। मुलाक़ात के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए सुधांशु रंजन ने कहा कि महा गठबंधन सरकार न्याय के साथ विकास के प्रति प्रतिबद्ध है कहीं कोई त्रुटि है उसके लिए वह और उनकी पार्टी के एक कार्यकर्ता सजग हैं उनके नेता सभी कार्यकर्ताओं की बातों को सुनते हैं उन्होंने जिन समस्याओं के तरफ तेजस्वी यादव का ध्यान आकृष्ट कराया उन्होंने कहा कि त्वरित कार्रवाई होगी।राजद के लिए तुरुप का पत्ता साबित हो सकते हैं सुधांशू रंजन।बिहार की राजनीति में एनडीए के घटक दलों के बीच जारी शीतयुद्ध तथा कांग्रेस के परंपरागत वोट बैंक ब्राम्हणों के हो रहे मोहभंग के बीच उसे अपने पाले में करने का गेम प्लान एवम प्रदेश के बदलते राजनीतिक घटनाक्रम में सारण के सुधांशू रंजन राजद के लिए तुरुप का पत्ता साबित हो सकते हैं। सारण राजद के नेताओं के परस्पर सहयोग नही मिलने के बावजूद अपने बूते निकाय चुनाव में दमदार उपस्थिति दर्ज कराने वाले सुधांशू रंजन राजद के विस्तारित राजनीतिकरण में ब्राम्हण चेहरा हो सकते हैं। पार्टी के सूत्रों से मिल रही सूचना के मुताबिक राजद का प्रदेश नेतृत्व सुधांशू रंजन के सहारे दूरगामी रणनीति के तहत बिहार में ब्राम्हणों को साधने की फिराक में हैं। राज्य सभा अथवा विधान परिषद चुनाव में सुधांशू रंजन को प्रत्यासी बनाये जाने पर जबरदस्त मंथन चल रहा है।
राजद बिहार में आगामी लोकसभा व विधानसभा में सवर्णों को आकर्षित करने हेतु नित नए प्रयोग में जुटा हुआ है। जानकर सूत्र बताते हैं कि सुधांशू रंजन को राज्य सभा या बिहार विधान परिषद चुनाव में प्रत्यासी बनाने के लिए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से हरी झंडी मिल चुकी है। राजनीतिक उहापोह के इस दौर में राजद का कुनबा बरकरार रखने तथा एनडीए के साथ चल रही लुका छिपी के खेल में राजद अपना पत्ता खोलने से अभी परहेज कर रहा है। राजद के वरीय नेता शिवानंद तिवारी की राजनीति के प्रति बढ़ती अरुचि एवम मनोज झा के इकलौते ब्राम्हण नेता की मौजूदगी को और अधिक धारदार बनाने के उद्देश्य से राजद युवा नेता सुधांशू रंजन के सहारे पार्टी से ब्राम्हणों को जोड़ने की रणनीति को अमली जामा पहुंचाने की रणनीति पर आगे बढ़ती दिख रही है।