सहरसा साहु भवन सहरसा में तैलिक वैस्य समाज सहरसा के द्वारा दानवर शुरवीर भामाशाह का जंयती समारोह पूर्वक मनाया गया वही जंयती समारोह का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया गया । इस अवसर पर साहु समाज से जुड़े जिला भर के पंचायत प्रतिनिधि मुखिया ,समिति ,संरपच ,पैक्स अध्यक्ष को पहुंचे जिसको माला पाग और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया । शुरवीर भामाशाह का जंयती मनाया गया |
इस अवसर पर सौर प्रखंड के खजुरी पंचायत के मुखिया रंजीत साह के अपराधियों द्वारा हत्या किए जाने पर आक्रोश प्रकट करते हुए कानुनी लड़ाई मजबूती से लड़ने के साथ कानुनी लड़ाई लड़ने के लिए पीड़ित परिवार के लोगों को आर्थिक सहयोग करने के साथ जंयती समारोह मे उपस्थित समाज के लोगों ने तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि देते हुए दो मिनट का मौन रख कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया ।
इस जंयती समारोह मे प्रमुख रूप कहरा प्रखंड के विकास पदाधिकारी सुनीता साहु ,पूर्व विधायक विजय गुप्ता , पूर्व चैयरमेन श्याम सुदंर साह,वरिष्ठ नेता नीरज गुप्ता , वैश्य समाज सहरसा के अध्यक्ष मोहन प्रसाद साह ,पुर्व विधानसभा प्रत्याशी राजकुमार साह ,डा. संजय गुप्ता ,पूर्व पशु चिकित्सक पदाधिकारी वीरेंद्र साह , डा.अशोक गुप्ता , रिटायर्ड रेलकर्मी जयप्रकाश गुप्ता ,पूर्व प्रमुख सीताराम साह, जिला पार्षद नीतू आर्यन ,विनीत आर्रन आदि ने समाहुकि रूप से दीप प्रज्वलित कर जंयती समारोह का शुभारंभ किया ।
इस जंयती समारोह का अध्यक्षता रिटायर्ड शाखा प्रबंधक राजेंद्र साहु वही संचालन जदयू के उपाध्यक्ष देवेन्द्र कुमार देव ने किया ।वही धन्यवाद ज्ञापन वैश्य समाज के प्रवक्ता राजीव रंजन साह ने किया ।भामाशाह जंयती समारोह को संबोधित करते हुए साहु समाज के लोगों ने कहा कि महान दानवीर भामाशाह का जन्मदिवस है जिन्होने अपनी जमा पूँजी को धर्ममार्ग पर योद्धा महाराणा प्रताप को दान कर दिया था । जब जब राणा का नाम चर्चा में आएगा तब तब भामा का दान भी आएगा।
दान की चर्चा होते ही भामाशाह का नाम स्वयं ही मुँह पर आ जाता है। देश रक्षा के लिए महाराणा प्रताप के चरणों में अपनी सब जमा पूँजी अर्पित करने वाले दानवीर भामाशाह का जन्म अलवर (राजस्थान) में 28 जून, 1542 को हुआ था।
धन अर्पित करने वाले किसी भी दानदाता को दानवीर भामाशाह कहकर उसका स्मरण-वंदन किया जाता है।
इस अवसर पर मुख्य रूप से मुखिया रीना देवी , अर्चना देवी , मुखिया प्रतिनिधि राकेश साह , सज्जन साह ,विपीन साह ,पंचायत समिति सदस्य सिकंदर साह ,रविंद्र साह ,काशी साह ,नीलम देवी ,जैंतू साह ,बैजनाथ कुमार विमल पुर्व पार्षद सुबोध साह ,सरपंच फुलचंद साह ,व्यापार संघ के सचिव विकास गुप्ता ,श्यामनन्द पोद्दार ,सबुरी साह ,कामेश साह ,मनोज साह , रामदेव साह ,पंकज साह ,शिवेंद्र साह ,सुदंर साह ,रविंद्र साह , रमण साह ,छोटू साह , दीपक साह ,रामनाथ साह ,जीवन गुप्ता ,अरूण साह ,देवेन्द्र साह ,अनिल साह , डा.मुन्ना ,परमेश्वर साह ,रामचंद्र साह ,आयुष साहु ,रितेश साह ,प्रत्यूष साह ,लालबहादुर साह ,मन्टुन साह , मुकेश साह , सत्यनारायण साह , शशांक सुमन विक्की ,राकेश साह ,विजय गुप्ता ,पूर्व प्रमुख शिवशंकर साह,मिथिलेश साह ,श्याम साह (तुलसियाही) आदि ने भामाशाह को याद करते हुए कहा कि वह बेमिसाल दानवीर एवं त्यागी पुरुष थे। आत्मसम्मान और त्याग की यही भावना उनके स्वदेश, धर्म और संस्कृति की रक्षा करने वाले देश-भक्त के रूप में शिखर पर स्थापित कर देती है। धन अर्पित करने वाले किसी भी दानदाता को दानवीर भामाशाह कहकर उसका स्मरण-वंदन किया जाता है। उनकी दानशीलता के चर्चे उस दौर में आसपास बड़े उत्साह, प्रेरणा के संग सुने-सुनाए जाते थे।
उनके लिए पंक्तियाँ कही गई हैं-
वह धन्य देश की माटी है, जिसमें भामा सा लाल पला।उस दानवीर की यश गाथा को, मेट सका क्या काल भला॥