कब हुई थी शुरुवात
1907 मे डेहरी रोहतास ट्रामवे कंपनी कि शुरुवात कि गई,जो डेहरी के डालियनगर् व बंजारी के बीच ट्राम चला करता था,1958 मे विस्तारित कर पिपराडीह तक किया गया,
गौरतलब है कि ट्राम कंपनी के द्वारा चूना पत्थर कि धुलाई के लिए 40 किलोमीटर लाभ फिडर लाइन का निर्माण किया गया था ईस्ट इण्डिया कम्पनी द्वारा अधिग्रहण कर रेल्वे मे शामिल कर लिया गया ,1911 मे
इसे यातायात के लिए शुरू किया गया,धीरे धीरे रेल लाइन का विकास हुआ
कोयले से चलने वाली दो पैसिंजर ट्रेन दिन मे दो बार चलती थी ,बौलियां व कछुवर् बंजारी लाइम स्टोन माइंस से चूना पत्थर व कल्याणपुर सीमेंट फैक्ट्री से सीमेंट कि धुलाई होती थी
लेकिन 9 जुलाई 1984रोहतास उद्योग समूह के बंद हो जाने से छोटी रेलवेे लाइन पूर्ण रूप से 16 जुलाई को बंद कर दिया गया,जिसके बाद क्षेत्र का
पटरी से उत्तर गया,
फायदा के बाद भी बंद हुई लाइन
सरकारी आंकड़े के अनुसार प्रति माह 50000से अधिक यात्री यात्रा करते थे,व 90000 हज़ार टन से अधिक माल कि ढुलाई होती थी जिससे रेल्वे के राजस्व तात्कालीन समय मे 4000000 लाख रुपय कि प्रति माह फायदा होता था,
क्या होगा फायदा
जहां अभी मध्य प्रदेश,, उत्तर प्रदेश ,महाराष्ट्र, जाने वाले यात्रिओ को काफी लम्बा सफर तय करना पड़ता है लेकिन इसके निर्माण से 500 से 600 महाराष्ट्र कि दुरी घट जाएगी,
अजय देव ने कहा कि रेल्वे लाइन के पुनः चालू होने क्षेत्र का विकास होगा यात्रिओ को इसका लाभ मिलेगा,रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे,
रोहतास बीजेपी प्रखण्ड अध्यक्ष विशाल देव ने कहा कि माननीय सांसद जी के द्वारा लगातार रेल्वे लाइन को पुनः चालू करने को लेकर कई बार लोक सभा मे आवाज़ उठाई है, चालू होने क्षेत्र मे पर्यटन को बढावा मिलेगा,
1. डेहरी ओन सोन
2. डेहरी सिटी
3. बडीहा शंकरपुरी
4. इंद्रपुरी
5. तिलौथू
6. तिलौथू बाजार
7. तुंबा
8. रामडिहरा
9. बंजारी
10. रोहतास
11. रोहतास फोर्ट
12. बौलिया रोड
13. महादेवपुरी भद्रा
14. नीमहाट
15. नौहट्टा रोड
16. तिउरा पीपराडीह