पिछले दो महीनों में मिले 87 मरीज, जिले में कुल 1057 इलाजरत
सासाराम : 2025 तक टीवी बीमारी को जड़ से खत्म करने के उद्देश्य से टीबी हारेगा देश जीतेगा के थीम पर केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकार लगातार अभियान चलाया जा रहा है। टीबी उन्मूलन को लेकर रोहतास जिले में भी लगातार अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। जिसकी वजह से जिले में टीबी के मरीजो में काफी कमी देखी जा रही है। जनवरी एवं फरवरी में जहां 668 जांच के दौरान 227 टीबी के मरीज पाए गए थे। वही पिछले 2 महीनों में 966 लोगों का टीबी जांच किया गया जिसमें महज 87 लोग टीबी के मरीज पाए गए। सासाराम सदर अस्पताल स्थित रोहतास जिला यक्ष्मा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में कुल 1057 लोगों का टीबी का इलाज किया जा रहा है। जनवरी से अप्रैल 2022 तक 1634 लोगों का जांच किया गया इस दौरान 314 लोग टीबी के संदिग्ध पाए गए। जनवरी में कुल 334 लोगों का जांच हुआ जिसमें 124 लोग टीबी से संक्रमित मिले, जबकि फरवरी ने 334 में से 102, मार्च में 472 में से 42 तथा अप्रैल में 494 में से 45 लोगों टीबी के मरीज पाए गए। (टीबी के मरीजो में)
ससमय पहचान से टीबी के मरीज को किया जा सकता है ठीक
सासाराम सदर अस्पताल में टीबी विभाग के सीडीओ डॉ राकेश कुमार ने बताया कि टीबी उन्मूलन को लेकर जिले में लगातार सर्च अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत कैंप के माध्यम से लोगों का सैम्पल लेकर टीबी कि जाँच की जा रही है। उन्होंने बताया कि अभियान के तहत लोगों को बताया जा रहा है कि टीबी एक जानलेवा बीमारी है परंतु इस बीमारी का ससमय इलाज कराने पर पूरी तरह से ठीक भी किया जा सकता है। बस जरूरत है तो समय पर टीवी बीमारी की पहचान होना। सीडीओ ने बताया कि दो सप्ताह या उससे अधिक समय से खांसी आना, बुखार आना, वजन में लगातार गिरावट आना, भूख न लगना, रात में पसीना आना, खखार में खून आना ये सभी टीबी के लक्षण हैं। ऐसे लक्षण दिखाई देने पर तत्काल सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में निशुल्क जांच के माध्यम से टीबी बीमारी का पता लगाया जा सकता हैं।
सभी सुविधाएं निःशुल्क
डॉ राकेश कुमार ने बताया कि सासाराम सदर अस्पताल स्थित यक्ष्मा विभाग में टीबी बीमारी से संबंधित सभी जांच निशुल्क होता है। इसके अलावा टीबी से ग्रसित मरीजों के लिए सभी दवाएं पूरी तरह से निशुल्क दिया जाता है। इसके अतिरिक्त जिन मरीजों का इलाज सरकारी अस्पताल में किया जा रहा है उन्हें सरकार द्वारा प्रतिमाह 500 रुपये पौष्टिक आहार के लिए दिए जाते हैं। उन्होंने बताया कि यह सुविधाएं मरीज को तब तक दिया जाता है जब तक मरीज पूरी तरह से स्वस्थ नहीं हो जाता है और उसका इलाज बंद नहीं हो जाता है।