पटना| सर्वोच्च न्यायालय ने पटना उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसमें एक अग्रिम जमानत याचिका की सुनवाई करते हुए सहारा समूह प्रमुख सुब्रत रॉय को अपने समक्ष हाजिर होने का निर्देश दिया था। यह आदेश पटना उच्च न्यायालय द्वारा किसी अन्य व्यक्ति की अग्रिम जमानत याचिका को सुनते समय दिया गया था। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि पटना उच्च न्यायालय ने दाखिल याचिका की सुनवाई में याचिका के निर्णय से असंलग्न तथ्यों की पूछताछ की।(पटना: सर्वोच्च न्यायालय ने)
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न्यायाधीश ए. एम. खानविलकर तथा न्यायाधीश जे. बी. परदीवाला की खंडपीठ ने कहा, ‘इस केस में हमने गौर किया है कि उच्च न्यायालय ने जमानत याचिका को लंबित रखते हुए निर्देश जारी किए, जिनमें अन्य पार्टियों को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत होने के नोटिस शामिल थे। हमारी राय में यह अवांछित है और इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती।’
इससे पूर्व उच्चतम न्यायालय ने पटना उच्च न्यायालय के उस आदेश को भी ख़ारिज किया था जिसमें उसने 11 फरवरी, 2022 को सहारा क्रेडिट को-आॅपरेटिव सोसायटीज लिमिटेड व सुब्रत राॅय को अपने आगे लम्बित जमानत याचिका में विरोधी पक्ष के रूप में जोड़ने का निर्देश दिया था। तत्पश्चात अपने समक्ष प्रस्तुत होने को कहा था। 27 अप्रैल, 2022 को पटना उच्च न्यायालय ने सुब्रत राॅय को स्वयं उसके समक्ष प्रस्तुत होने का आदेश दिया था। साथ ही यह भी नोट किया था कि सहारा समूह व अन्य कंपनियां, जो कि लगभग एक माह पहले तक डिपॉजिट ले रहे थे, को निवेशकों को निवेश राशि लौटाने की योजना तैयार करें।