कैमूर(भभुआ)| कैमूर जिले का एक ऐसा देवी धाम जहां पर मानव अपने खून की बलि देते हैं हां यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है यह सच्ची घटना है,जो कैमूर जिले के रामगढ़ प्रखंड अंतर्गत अभयदे गांव में स्थित देवी के मंदिर पर नवरात्र के अंतिम दिन पहले वहां पर भक्त अपने खून की बलि चढ़ाते हैं इसके बाद बकरे की बलि दी जाती हैं यह प्रथा बहुत साल पुरानी चली आ रही है| (कैमूर जिले का एक)
लेकिन इन दिनों वहां पर बिहार ही नहीं बल्कि कई राज्य से लोग नवरात्र के अंतिम दिन इस बलि प्रथा को देखने के लिए देवी मंदिर पर पहुंचते हैं| लोगों की मान्यता है कि लोग यहां पर आकर मन्नत मागते हैं और उनकी हर मन्नत पूरी होती है तो यहां पर अपने खून की बलि के साथ-साथ बकरे की बलि चढ़ाते हैं| (कैमूर जिले का एक)
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वही इस संबंध में मंदिर के प्रबंधक कमलेश सिंह ने बताया कि आदिकाल में यहां पर बाहरी पलटन के द्वारा हमला किया गया था| उनके भय से ग्रामीण भाग कर देवी माँ के मंदिर पर पहुंचे| इसके बाद मंदिर के पुजारी ने माँ का आशीर्वाद लेकर उनकी तलवार उठाया और लगभग 1600 लोगों का शर धड़ से अलग कर दिया|
लगभग 200 बकरे की दी जाती है बली
तभी से इस मंदिर पर बलि प्रथा का आयोजन किया जा रहा है सबसे पहले श्रद्धालु अपने भुजा के खुन की बली चढ़ाते है इसके बाद लगभग 200 बकरे की बलि दी जाती है,वही श्रद्धालु पंकज तिवारी ने कहा की मै तीन साल से माँ के दरवार में आ रहा हूँ मेरी मन्नत पूरी हुयी है इसलिए आज बकरे की बलि चढ़ाने के लिए देवी माँ के दरवार मे आया हूँ।