Success Story: एक छोटे से गांव में जन्मी कल्पना सरोज एक बेहद गरीब परिवार से आती हैं। उनके घर में खर्चा चलाने में बहुत मुश्किल होती थी। उन्होने सरकारी स्कूल से पढ़ाई की और पढ़ाई में हमेशा से तेज थीं। लेकिन, अपनी पारिवारिक पृष्ठिभूमि के कारण ज्यादा नहीं पढ़ पाईं और महज 12 साल की उम्र में ही उनकी शादी करा दी गई। कल्पना के पति उनसे 10 साल बड़े थे।
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बिजनेस वूमेन कल्पना ने अपने इंटरव्यू में बताया है कि ससुराल में उन्हें कई प्रकार की यातनाएं झेलनी पड़ी थी। उन्हें कई बार खाना नहीं दिया जाता था और उनके साथ मारपीट की जाती थी. कल्पना के पिता जब उनसे मिलने आए और ये हालत देखी तो वह उन्हें वापस गांव ले गए। वह 16 साल की उम्र में अपने चाचा के पास मुंबई चली गईं. जहां उन्होंने कपड़ा मिल में काम करना शुरू किया, तब रोजाना 2 रुपये का मेहनताना उन्हें मिलता था। उन्होंने उस काम को अवसर के तौर पर देखा और समझा कि सिलाई बूटीक में बहुत स्कोप है, इसलिए इसका बिजनेस शुरू करने का उन्हें ख्याल आया।
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हालांकि, उन्होंने लोन लेकर सिलाई मशीन और अन्य सामान खरीदे और बुटिक की दुकान खोल ली। बिजनेस अच्छा चला और 22 साल की उम्र में उन्होंने फर्नीचर का बिजनेस भी शुरू कर दिया। इसके बाद उन्होंने स्टील फर्नीचर के व्यापारी से शादी की, लेकिन कुछ सालों बाद वह भी दुनिया छोड़कर चले गए। लेकिन तब तक कल्पना के सपनों को पंख लग चुके था और उनकी किस्मत ने भी उनका साथ दिया। 17 साल से बंद पड़ी कमानी ट्यूब्स नाम की कंपनी को कोर्ट ने शुरू करने का आदेश दिया। इसके बाद कल्पना ने कामगारों के साथ मिलकर कंपनी फिर से शुरू की और उसमें जान फूंक दी। उनका ही कमाल है कि इस कंपनी का कारोबार आज 500 करोड़ से भी ज्यादा का हो गया है।