सासाराम : आल इंडिया रीजनल रूरल बैंक कर्मी एसोसिएशन के आवाहन पर दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक, सासाराम के 250 से ज्यादा अधिकारी एवम कर्मचारी हड़ताल पर रहते हुए क्षेत्रीय कार्यालय के सामने जोरदार धरना एवम प्रदर्शन किया। उपरोक्त हड़ताल को बैंक के सेवानिवृत्त स्टाफ की समिति ने भी पूर्ण समर्थन करते हुए धरना, प्रदर्शन में पूरी ताकत के साथ भागेदारी की गई।
धरने में उपस्थित DBGBOA के क्षेत्रीय अध्यक्ष श्री ऋषिकेश कुमार ने प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए कहा कि आज देश भर की 43 ग्रामीण बैंकों के 70000 से ज्यादा अधिकारी एवम कर्मचारी हड़ताल पर है। उपरोक्त हड़ताल भारत सरकार द्वारा ग्रामीण बैंकों को भी निजीकरण के रास्ते मे ले जाने की प्रारम्भ की जा रही कार्यवाही के विरोधस्वरूप में है। भारत सरकार ने ग्रामीण बैंकों को अपनी वैधानिक अवस्यकताये हेतु आवश्यक कैपिटल जुटाने हेतु शेयर बाजार के माध्यम से IPO लाकर पूंजी जुटाने के निर्देश जारी कर दिए गए है जबकि एसोसिएशन सभी ग्रामीण बैंकों को एक करते हुए भारतीय राष्ट्रीय ग्रामीण बैंक बनाकर ग्रामीण भारत से सीधा जुड़ी
100 करोड़ आबादी के लिए एक बैंक स्थापित करने की मांग एक लंबे समय से की जा रही है। प्रमुख रूप से उपरोक्त मांग को
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लेकर समस्त ग्रामीण बैंक के प्रधान कार्यालय पर एक दिवसीय धरना एवं 10 अगस्त को दिल्ली जंतर मंतर में धरना भी दिया गया और बैंकिंग सचिव को ज्ञापन भी दिया गया और इसी मांग को लेकर अभी तक देश भर के 100 से ज्यादा सांसदों को ज्ञापन भी दिया जा चुका है जो आगे भी जारी रहेगा। 500 से ज्यादा माननीय सांसदों को ज्ञापन देने का अभियान है। आज देश के अंदर मात्र 48 वर्षो में 40 करोड़ ग्राहकों के साथ देश के ग्रामीण भारत की सबसे बड़ी वित्तीय संस्था के रूप में 700 से अधिक जिलों में 22000 शाखाओ के माध्यम से स्थापित है और 9लाख 50000 करोड़ के कुल व्यवसाय के साथ देश के अंदर 6ठवी सरकारी बैंकिंग संस्था है और 35000 करोड़ के कुल संचित लाभ के साथ कार्यरत है जबकि अन्य बैंकों की तुलना में सबसे कम स्टाफ मात्र 95000 है, जिसमे से 15000 स्टाफ आगामी दो वर्षों में सेवानिवृत्त होने जा रहा है। ग्रामीण भारत के अंदर केंद्र एवम राज्य सरकारों द्वारा चलाई गई
कल्याणकारी योजनाओं, किसानों, मजदूरों, छोटे व्यापारियों की ऋण योजनाओं, सामाजिक सुरक्षा बीमा योजनाओं में सबसे अहम भागेदारी कर सरकार के निर्धारित लक्ष्यों की 48 वर्षों से शत प्रतिशत पूर्ति करती आ रही है। इसके अतिरिक्त अन्य मांगों में 30000 से ज्यादा रिक्त पदों पर भर्ती, 20000 से ज्यादा दैनिक वेतन पर कार्य कर रहे अस्थाई कर्मचारियों का नियमतिकरण, मृतक आश्रित सेवायोजना को वर्ष 2014 से लागू करना, नई पेंशन योजना को वापस लेना, बैंकिंग पेंशन नियम वर्ष 1993 को ग्रामीण बैंकों में वर्ष 1993 से प्रभावी करना, सेवा शर्तों एवम प्रमोशन नीति को बैंकिंग उद्योग अनुसार समान रूप से लागू करना आदि शामिल है।
दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय के समक्ष विशाल धरने को दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक के अधिकारी संघ के महासचिव अमित मिश्रा,अध्यक्ष श्री ऋषिकेश कुमार, अभिषेक पाण्डेय ,चन्दन कुमार, सूरज प्रकाश तिवारी, अशोक कुमार गुप्ता निखिल कुमार झा गौरव गुप्ता नागेंद्र गुप्ता ओपी सिंह अजीत कुमार एवं 84 शाखा से आए हुए करीब 250 की संख्या में सदस्यों ने इस हड़ताल को पूर्णत: सफल बनाया ।
उपरोक्त हड़ताल ग्रामीण बैंक के सबसे बड़े संगठन आल इंडिया रीजनल रूरल बैंक कर्मी एसोसिएशन द्वारा अपने 70000 सदस्यो की शक्ति के साथ देश भर में अकेले की जा रही है।