सासाराम : सासाराम नगर निगम के मेयर पद को लेकर प्रत्याशी मैदान में पूरी तरह से उतर चुके हैं। सासाराम नगर निगम का चुनाव अगले महीने 20 अक्टूबर को होना है परंतु सीट को लेकर संशय ख़त्म होते ही प्रत्याशी मैदान में उतर चुके हैं और अपने अपने एजेंडा के साथ लोगों के बीच पहुंच रहे हैं। इसके अलावा प्रत्याशी सोशल मीडिया के माध्यम से भी लोगों तक अपनी पहुंच बनाने में जुटे हुए हैं। बता दें कि इस बार नगर निगम के मेयर पद का चुनाव आम नागरिकों के द्वारा किया जाएगा, ऐसे में मेयर पद की कुर्सी पाना इतना आसान नहीं होगा, क्योंकि शहर की स्थिति देखने के बाद यह नहीं लगता है कि लोग पुराने प्रत्याशी या फिर राजनीतिक दलों से जुड़े हुए लोगों को मेयर पद की कुर्सी सौंपेंगे। ऐसे में सामाजिक रूप से जमीनी स्तर से जुड़े हुए लोगों को कहीं ना कहीं फायदा होता दिखाई दे रहा है। आम लोगों की माने तो नगर निगम के लिए वैसे ही व्यक्तियों का चयन किया जाएगा जो सामाजिक कार्य के माध्यम से लोगों तक अपनी पहुंच बनाई हो। ऐसे में कई चेहरे हैं जो लोगों के लिए बेहतर विकल्प साबित हो सकते हैं। बताते चलें कि सासाराम नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत कुल 2 लाख 10 हज़ार के आसपास मतदाता है जो सीधे मेयर पद के लिए वोट करेंगे। मेयर पद के लिए फिलहाल एक दर्जन के आसपास प्रत्याशियों का चेहरा सामने आ रहा है। उन चेहरों में राजनीति से जुड़े हुए लोगों के साथ साथ सामाजिक कार्य से जुड़े हुए लोगों की पत्नियां शामिल है। उन चेहरों में कई जाने-माने लोगों की पत्नियां शामिल हैं।(अपने अपने एजेंडे के)
कोरोना काल मे सामाजिक कार्यकर्ताओं की भूमिका रही अहम
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सर्व विदित है कि कोरोना काल के पहले, दूसरे और तीसरे लहर में जिस तरह से सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अपनी परवाह किए बिना ही गरीब तबके के साथ-साथ जरूरतमंद लोगों को सहायता पहुंचाई है उतनी सहायता राजनीतिक पार्टियों से जुड़े लोगों ने पहुँचाई है। भोजन, अनाज, से लेकर ऑक्सीजन सिलेंडर तक अपने कंधों पर टांग कर सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जरूरतमंदों तक पहुंचाई है तो ऐसे में नगर निगम का चुनाव में सामाजिक कार्यकर्ताओं को बेहतर परिणाम मिल सकता है इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं है। हांलाकि की चुनाव का परिणाम किस ओर करवट बदलेगा ये अभी किसी को नही पता परंतु सामाजित कार्यकर्ता कोरोना काल मे किये गए बेहतर कार्यों को लेकर लोगों तक पहुँच रहें हैं और लोगों को पूर्ण विश्वास दिलाने में लगें है कि शहर को बेहतर दशा और दिशा एक अच्छा सामाजिक कार्यकर्ता ही दे सकता है क्यों कि उसके अंदर खुद के पैसों से समाज सेवा की भावना है न कि जनता के पैसों को लूटने का भावना।(अपने अपने एजेंडे के)