सासाराम : राष्ट्रीय हिंदी दिवस के अवसर पर सासाराम समाहरणालय स्थित जिला ग्रामीण विकास अभिकरण (डीआरडीए) सभागार में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन रोहतास जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार रोहतास, डीडीसी शेखर आनंद, वरीय उप समाहर्ता, प्रोफेसर गुरु चरण सिंह, प्रोफेसर राजेंद्र प्रसाद ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित करके किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रोहतास जिला अधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है और हमारी पहचान इसी हिंदी से होती है। उन्होंने कहा कि भले ही हम आज अंग्रेजी को कुछ ज्यादा महत्व देने लगे हैं परंतु हिंदी विषय में भी अनेकों अवसर मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि हिंदी माध्यम से भी आप आईएएस और आईपीएस अधिकारी बन सकते हैं और देश की सर्वोच्च कुर्सी प्रदान कर सकते हैं।( जिलाधिकारी राष्ट्रीय हिंदी दिवस)
इसलिए हिंदी को हमें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए क्योंकि यह हमारी राष्ट्रभाषा है। वही भोजपुरी साहित्य के साथ-साथ हिंदी साहित्य के जाने-माने विद्वान व एसपी जैन कॉलेज के प्रधानाचार्य गुरुचरण सिंह ने भी हिंदी का इतिहास और इसके महत्व पर चर्चा करते हुए कहा कि हिंदी सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विश्व के कई देशों में बोली जाती है। उन्होंने कहा कि हिंदी का अपना विशेष महत्व है। इस भाषा की जो मिठास है वह लोगों को जोड़ने का कार्य करती है। वही हिंदी साहित्यकार व इतिहासकार एसपी जैन कॉलेज के प्रोफेसर डॉ राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि जिस तरह से अंग्रेजी शब्दकोश पूरे देश के शब्दों को लेकर बनाया गया है, उसी तरह जरूरत है कि पूरे देश के शब्दों को भी हिंदी डिक्शनरी में शामिल किया जाए ताकि हिंदी भी अंग्रेजी की तरह अंतरराष्ट्रीय भाषा बन सके।( जिलाधिकारी राष्ट्रीय हिंदी दिवस)
उन्होंने बताया कि शुरुआती दौर में जब अंग्रेजी का पहला डिक्शनरी छपा था उस समय मात्र अंग्रेजी के 10 हज़ार ही शब्द थें, और आज पूरी दुनिया का लाखों शब्द लेकर अंग्रेजी की डिक्शनरी में लाखों शब्द समाहित हो गए। उसी तरह हिंदी को बढ़ावा देने के लिए हमें अन्य भाषा या शब्द से घृणा नहीं करना चाहिए। वही कार्यक्रम में आए हिंदी के अन्य साहित्यकारों ने भी हिंदी दिवस पर अपने- अपने विचार प्रकट किए। कार्यक्रम का संचालन वरीय उप समाहर्ता अनु पांडे ने किया। वाहक कार्यक्रम में हिंदी साहित्यकारों के साथ-साथ कई विद्यालयों के शिक्षक और छात्र छात्राओं ने भी हिंदी दिवस पर अपनी प्रस्तुति दी।(जिलाधिकारी राष्ट्रीय हिंदी दिवस)