सासाराम : कुष्ठ एक लाइलाज बीमारी है, यदि समय रहते इसका इलाज ना कराया जाए तो इस बीमारी से दिव्यांगता भी आ सकती है। इस बीमारी को रोकने और जड़ से खत्म करने के लिए लिए सरकार द्वारा लगातार अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के माध्यम से कुष्ठ से पीड़ित मरीजों की खोज करके उनका इलाज किया जा रहा है। साथ ही साथ कुष्ठ से पीड़ित पाए गए लोगों के साथ-साथ उनके संपर्क में आने वाले अन्य लोगों को भी एमडीटी की खुराक दी जाती है। ताकि इस बीमारी को फैलने से रोका जा सके। जिला कुष्ठ नियंत्रण केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार जिले में 1200 के आसपास ऐसे लोग हैं जो कुष्ठ बीमारी की वजह से दिव्यांग हो चुके हैं। वहीं 333 कुष्ठ के मरीज अभी इलाजरत हैं ।(समय से पहचान होने)
18 लोगों को मिला दिव्यांगता प्रमाण पत्र
कुष्ठ रोग की वजह से दिव्यांग हो चुके 18 लोगों को विकलांगता प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है । साथ ही साथ दिव्यांग हो चुके लोगों को दी जाने वाली 1500 रुपए सहायता राशि भी प्रदान की गई। कुष्ठ रोग से पीड़ित हो चुके लोगों का सरकारी अस्पताल में कुष्ठ का न सिर्फ इलाज मुफ्त में किया जाता बल्कि इससे विकलांग हुए लोगों को प्रतिमाह पेंशन भी प्रदान की जाती है। अभी रोहतास जिले में 1200 के आसपास ग्रेड 2 के कुष्ठ पीड़ित मरीज को सरकार द्वारा 1500 रुपये प्रति माह पेंशन प्रदान की जा रही है।(समय से पहचान होने)
कुष्ठ बीमारी को न करें नजरअंदाज
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जिला कुष्ठ नियंत्रण केंद्र में कार्यरत चिकित्सा सहायक डॉ जयप्रकाश राजभर ने बताया कि कुष्ठ हो जाने पर उसे ठीक नहीं किया सकता है, परंतु समय से पहचान होने पर इस बीमारी को आगे बढ़ने से रोका जा सकता है । क्योंकि यदि इसे रोका नहीं गया तो यह बीमारी लोगों को दिव्यांग कर देती है। उन्होंने बताया कि शरीर पर अचानक आए किसी प्रकार के दाग, या हाथ पैर में हो रही झुनझुनी या सूनापन महसूस होने पर एक बार कुष्ठ विभाग में जरूर संपर्क करें। वहीं विभाग में कार्यरत फिजियोथेरेपिस्ट डॉ जितेंद्र कुमार ने बताया कि कुष्ठ बीमारी होने के बाद उसे दिव्यांगता से बचाने के लिए कई तरह के व्यायाम भी बताए जाते हैं जिसे करने से हाथ और पैर की अंगुलियों में होने वाले टेढापन को रोका जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि इस रोग का लक्षण दिखाई देने पर तुरंत सरकारी अस्पताल में संपर्क करें।(समय से पहचान होने)
कुष्ठ रोग को लेकर जागरूकता जरूरी
अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह जिला कुष्ठ उन्मूलन पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार सिंह ने बताया कि कुष्ठ रोग को जड़ से खत्म करने के लिए जागरूकता जरूरी है। अभी भी कुछ ऐसे लोग हैं जो कुष्ठ के लक्षण दिखाई देने के बावजूद भी नजरअंदाज कर देते। वे किसी को बताना नहीं चाहते हैं कि उन्हें कुष्ठ हुआ है, जो गलत है। उन्होंने कहा कि लक्षण दिखने पर सरकारी अस्पताल में संपर्क करें ताकि इस बीमारी को ठीक किया जा सके। कुष्ठ पीड़ित लोगों का इलाज एवं जांच सरकारी अस्पताल में निःशुल्क किया जाता है। साथ ही साथ सरकार द्वारा दी जाने वाली सहायता राशि एवं अन्य सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं ।(समय से पहचान होने)