रोहतास: बिहार ग्रामीण चिकित्सक अधिकार मंच एवम रक्षक इमरजेंसी हॉस्पिटल सासाराम के सयुक्त तत्वावधान में ग्रामीण चिकित्सकों के एक दिवसीय मेडिकल ट्रेनिंग प्रोग्राम सीएमई ऑन सीएमएस एण्ड ईडी का उद्घाटन फ़तेह बहादुर सिंह (विधायक, राष्ट्रीय जनता दल) एवम राष्ट्रीय संरक्षक डॉ. जीतेंद्र नाथ मौर्य तथा डा.पी.आर. किशोर सर्जन सह निदेशक सह संध्या हॉस्पिटल पटना ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया.
कार्यक्रम की संचालक डॉ. विजय कुमार सिंह एवम अतिथियों के स्वागत डॉ.प्रमोद कुमार, डा० राजेश कुमार तथा प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर डा० प्रीति पाण्डेय ने किया. राष्ट्रीय संरक्षक सह केंद्रीय प्रवक्ता डॉ जे. नाथ मौर्य ने सबसे पहले ग्रामीण चिकित्सकों के पांच सूत्री मांगों को माननीय विधायक फ़तेह बहादुर सिंह जी को सौंपी जिसमें मुख्य रूप से ग्रामीण चिकित्सकों के सम्बन्ध में रेगुलेटरी का निर्माण एवं बुनियादी स्वास्थ्य कार्यकर्ता या स्वास्थ्य मित्र के रूप में सत प्रतिशत नियुक्ति का था.(रोहतास: बिहार ग्रामीण चिकित्सक)
डा. मौर्या ने कम्यूनिटी हेल्थ सर्विसेज एण्ड एसेंशियल ड्रग के ऊपर प्रकाश डाला और कहा की इस पाठ्यक्रम को डब्लूएचओ ने मान्यता दिया है और कहा की गांवों में जो नॉनक्वालिफाइड और अन रजिस्टर्ड चिकित्सक है वो ऐसे कोर्स कर के प्राथमिक उपचार कर सकते हैं. डॉ. पी. आर. किशोर सर्जन ने सीएमएस एण्ड ईडी कोर्स के एलोपैथिक मेडिसिन के प्रयोग सम्बन्धी उपचारों पर प्रकाश डाला.
उद्घाटनकर्ता माननीय फतेह बहादुर सिंह (विधायक, राष्ट्रीय जनता दल) ने कहा की वर्तमान सरकार की भ्रष्ट स्वास्थ्य नीतियों के चलते ग्रामी चिकित्सकों का हक और अधिकार नहीं मिल पा रहा है. इनकी पांच सूत्री मांग जायज है और इनके सम्बंध में कानून बननी चाहिए. आगामी विधान सभा सत्र में इनकी मांगों को सदन के पटल पर रखेंगे. प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर डॉ प्रीति पाण्डेय ने बताया की रक्षक इमरजेंसी हॉस्पिटल में प्रत्येक माह के अन्तिम तिथि को मेडीकल साइंस के किसी भी टॉपिक पर सीएमई या वर्क सॉप का आयोजन किया जाएगा.
प्रदेश प्रवक्ता डॉ. सचिन्द्र दूबे ने कहा ग्रामीण चिकित्सको के एनआईओएस द्वारा संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य पाठ्यक्रम को यथाशीघ्र शुरू किया जायेगा. इनके लिए सरकार से बोर्ड और कॉन्सिल के निर्माण की मांग गई है. कार्यक्रम में ट्रेनिंग के पश्चात उपस्थित सभी ग्रामीण चिकित्सकों को सीएमएस एण्ड ईडी सर्टिफिकेट से सम्मानित किया गया. प्रोग्राम को सफल बनाने में डॉ. महेंद्र सिंह, डॉ. अशोक कुमार, डॉ अमरेंद्र, डॉ रमेश सिंह, डॉ मुखलाल, डॉ रामायण, डॉ गणेश, डॉ. संजय पाठव बचन पाल, डॉ उपेट कुमार, डॉ. आलम सहित सभी ग्रामीण चिकित्सक अधिकार मंच हतास की योगदान सराहनीय रहा.