वाल्मीकि नगर। जंगलों की सुरक्षा अब सीमा पर तैनात बिहार पुलिस, एसएसबी और वन विभाग कर्मियों के कंधों पर आ गई है। इसके लिए डब्ल्यूटीआई के विशेषज्ञ इन्हें विशेष प्रशिक्षण दे रहे हैं। बतादें की गंडक बराज स्थित एसएसबी 21वीं वाहिनी के सी कंपनी में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान डब्ल्यूटीआई के अधिकारी ने बताया कि एसएसबी, बिहार पुलिस के अधिकरियों व जवान जंगल और जानवरों की सुरक्षा करेंगे। इसको लेकर गंडक बराज पर स्थित एसएसबी के कैम्प में डब्ल्यूटीआई के तरफ से चलचित्र के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें वन एवं वन्य जीव संरक्षण से संबंधित जानकारी दी गई। प्रशिक्षण में वन्य जीवो को बचाने एवं वन्यजीवों के संरक्षण, सीमा पर तस्करी के साथ-साथ वन्य जीव संरक्षण के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी गई।
डब्ल्यूटीआई के प्रबंधक डॉक्टर शेख मरिफतुल हक ने प्रशिक्षण के बाबत बताया कि इस प्रशिक्षण में एसएसबी अधिकारी व बिहार पुलिस के अधिकारियों को बताया गया है कि वन्य जीवों का शिकार प्रतिबंधित है। उन्होंने आगे बताया कि सीमा पर जांच के क्रम में किसी भी प्रकार का वन्यजीवों का हड्डी, खाल, मांस एवं वन्य जीव पकड़ा जाता है तो इसकी सूचना स्थानीय वन विभाग और पुलिस को दें। इस प्रशिक्षण में उन्होंने बताया कि वन्यजीवों को वन तस्करों द्वारा जाल, फंदे, बिजली का तार आदि से फंसा कर वन अपराधी उसे शिकार करते है। इसको कैसे बचाया जाएगा इसकी विस्तृत जानकारी दी गई।
डॉ शेख मरिफतुल हक, डब्ल्यूटीआई के फिल्ड ऑफिसर पावेल घोष, गंडक बराज पर तैनात एसएसबी के कंपनी कमांडर सह इंस्पेक्टर काली दास, प्रशांत कुमार, रामकिशुन, आदि के साथ बिहार पुलिस की तरफ से बाल्मीकि नगर थाना के थानाध्यक्ष अर्जुन कुमार, एएसआई ललन सिंह , एएसआई अकसूद आलम, एसआई अजीत कुमार, एसआई अशोक चौपाल आदि भारी संख्या में अधिकारी व जवान शामिल थे।