सासाराम: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत संचालित राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत जन्म से 18 वर्ष तक के बच्चों के दिल में छेद सहित 37 अन्य जटिल बीमारियों के निःशुल्क इलाज के बाद अब कुष्ठ और टीबी से संक्रमित बच्चों का भी इलाज कराया जाएगा। आरबीएसके की टीम अब बच्चों की सेहत का परीक्षण करने के साथ ही टीबी और कुष्ठ रोग की जांच करेगी। बच्चों की स्क्रीनिंग जांच के बाद लक्षण मिलने पर उनका विभिन्न सेंटरों पर निःशुल्क इलाज कराया जाएगा।(टीबी व कुष्ठ रोग)
इसके लिए रोहतास जिले में भी तैयारी शुरू कर दी गई है। आरबीएसके की टीम द्वारा इसके लिए प्रशिक्षण की भी शुरुआत कर दी गई है। इसके तहत गुरुवार को सासाराम सदर अस्पताल स्थित पारा मेडिकल भवन में कुष्ठ नियंत्रण विभाग रोहतास द्वारा जिला स्तरीय दो दिवसीय आरबीएसके की टीम के प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इसकी जानकारी देते हुए आरबीएसके के रोहतास जिला समन्वयक डॉ नंद किशोर चतुर्वेदी ने बताया कि प्रशिक्षण के पहले दिन रोहतास जिले के कुल 9 प्रखंडों के आरबीएसके के चिकित्सा पदाधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया,(टीबी व कुष्ठ रोग)
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जिसमें अकोढ़ीगोला, बिक्रमगंज, चेनारी, डेहरी, दावथ और दिनारा प्रखंड के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के आरबीएसके के चिकित्सक मौजूद रहे। शुक्रवार को जिले के बाकी बचे प्रखंडों के आरबीएसके की टीम को प्रशिक्षण दिया जाएगा। विदित हो कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जन्म से 18 वर्ष के बच्चों का हृदय में छेद, कटे होंठ, कटे तालू, टेढ़े पैर, न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट, जन्मजात बहरापन, मोतियाबिंद सहित 37 रोगों का ऑपरेशन देश के विभिन्न सरकारी और निजी अस्पतालों में निःशुल्क कराया जाता है जिसका सारा खर्च सरकार वहन करती है (टीबी व कुष्ठ रोग)
कुष्ठ की पहचान करना जरूरी
पटना से आए डीएफआइटी के सीएमए डॉ आशीष बाह एवं बीपीएमआर कोऑर्डिनेटर उमेश करकरे ने वहां मौजूद आरबीएसके के चिकित्सकों को कुष्ठ रोग की पहचान के बारे में विशेष प्रशिक्षण दिया। इस अवसर पर डॉ आशीष बाह ने कहा कि कुष्ठ रोग के इलाज के पूर्व उसका लक्षण जानना जरूरी है। कहा कि लक्षण जानने के लिए कुछ खास तकनीक के माध्यम से हम लोग कुष्ठ रोग की पहचान कर सकते हैं, क्योंकि कुष्ठ रोग जन्मजात बीमारी नहीं होता है। जन्म के बाद शरीर पर अचानक दाग धब्बे, एवं पैरों व हाथ की अंगुलियों में बदलाव कुष्ठ रोग का लक्षण माना जाता है। ऐसे में सबसे पहले इसकी पहचान करना जरूरी है।(टीबी व कुष्ठ रोग)
आरबीएसके की टीम करेगी पहचान
अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह जिला कुष्ठ कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार सिंह ने कहा कि कुष्ठ एवं टीबी उन्मूलन को लेकर सरकार लगातार अभियान चला रही है। आरबीएसके के तहत कुष्ठ एवं टीबी से संक्रमित मरीज का इलाज करवाया जाएगा। इसके लिए टीबी एवं कुष्ठ रोग से संक्रमित मरीज की पहचान करना जरूरी है। इसके लिए कुष्ठ नियंत्रण विभाग से संबंधित रोग की पहचान को लेकर सभी आरबीएसके के कर्मियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि रोहतास जिले में दो दिवसीय प्रशिक्षण की शुरुआत गुरुवार को हो गयी है, जिसके तहत कुष्ठ की पहचान करके आरबीएसके विभाग को सौंपी जाएगी जहां कुष्ठ से पीड़ित बच्चों का इलाज कराया जाएगा।(टीबी व कुष्ठ रोग)