रांची। चर्चित धान क्रय घोटाला में सीबीआई जांच के भय से एफसीआई में हड़कंप मचा हुआ है। शुरुआती जांच के क्रम में ही अनियमितता का मामला प्रकाश में आ चुका है। भारतीय खाद्य निगम ने कार्यवाही करनी शुरू कर दिया है। भारतीय खाद्य निगम के एक पदधिकारी समेत दो कर्मचारियों का निलंबन का आदेश पारित कर दिया गया है।। इस प्रकरण में भारतीय खाद्य निगम के सलाहकार समिति की खामोशी से कई तरह के सवालात उठने लगे हैं। कई करोड़ के इस घोटाले में जिला प्रशासन की जांच सफेद हाथी के दांत साबित हो रहे हैं। इस मामले को लेकर आजसू पार्टी पूरी तरह से आक्रामक है। राज्यपाल से मिलकर धान क्रय घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की जा चुकी है। (धान क्रय व जनवितरण )
वहीं दूसरी ओर जिस तरह से यह घोटाला की परत दर परत खुलासा हो रहा है उसमें अब सीबीआई का हस्तक्षेप से अब इनकार नहीं किया जा सकता। सीबीआई जांच की सुगबुगाहट भी होने लगी है इस घोटाले में संबंधित सभी करोड़पति अपनी पूरी ताकत के साथ मैनेज करने में लगे हुए हैं। प्रथमदृष्टया मामला के अनुसार जिला आपूर्ति विभाग द्वारा सभी तरह के प्रावधानों और नियमों के खिलाफ जाकर को भूमिहीन किसानों को हजार क्विंटल से अधिक धान बेचने के लिए आईडी आवंटित कर दिये। मामले की लीपापोती का नमूना यह दिखा की जिला स्तर पर जांच कार्य जिस तरह से दिखने चाहिए वह आज तक नहीं दिखा।

ज़िले में इससे संबंधित हर व्यक्ति चाहे वह सरकारी अधिकारी हो या जनवितरण प्रणाली से जुड़ा हर व्यक्ति हो उसकी पूरी सम्पति खंगालने के उपरांत कई सेवानिवृत्त हुए अधिकारियों की परेशानी बढ़ सकती है। जब सीबीआई इस मामले को टेकओवर करेगी तब एफसीआई की परेशानी बहुत बढ़ जाएगी। पूछताछ के सिलसिला पलामू से लेकर पूरे देश स्तर पर बढ़ सकता है। ऐसी परिस्थिति को भांप कर भारतीय खाद्य निगम आनन फानन में कार्यवाहियां शुरू कर चुका है।
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