पटना। सहयोगी द्वारा अपने साथियों के साथ सावन महोत्सव मनाया गया जिसमें पौधा रोपण, डांस, गाना, फोटोशूट, महंदी लगाई गई तथा सहभोज का आयोजन किया गया। सावन में हरियाली को ध्यान में रखते हुए आपस में यह निर्धारित किया गया कि सभी सदस्य हरे रंग के कपड़े पहनेंगे तथा उसी हिसाब से खुद का श्रृंगार करेंगे| सभी सदस्यों ने पौधा रोपण किया और समाज में पर्यावरण के बारे में साकारात्मक संदेश दिया। हम घर के काम तथा कार्यक्षेत्र में काम करने दौरान ये भूल जाते हैं कि हमें भी मनोरंजन का हक है, सबकुछ भूल कर खुद में रहने का हक है।(सावन महोत्सव पर पर्यावरण)
आपसी संवाद से नकारात्मक उर्जा होती है दूर- रजनी
सहयोगी संस्था की रजनी ने बताया कि हमें अपने घर तथा कार्यक्षेत्र में वो माहौल नहीं मिल पाता कि अपनी बात को खुलकर कर सकें, वहां हमें बहुत सारी चीजों को ध्यान में रखना पड़ता है और इसी चीज को ध्यान रखते हुए सहयोगी द्वारा “सावन महोत्सव” मनाया गया, जहां सबको एक मंच मिला हुआ है अपनी भावना व्यक्त करने का। एक साथ काम करने से या कह सकते है हम ऐसे मुद्दे पर काम करते हैं जिससे बहुत सारी चीजों से हमारी हिजकिचाहट कम हो गई है, हम खुल कर नाच रहे हैं ये भूल कर कि हम नाचते हुए कैसे लग रहे हैं, बेसुरा गा रहे हैं, बचपन में खेले हुए खेल वापस खेल रहे हैं ये भूल कर कि अब हमारे बच्चे हैं और अब उनकी उम्र है खेलने की। रजनी ने बताया कि सहयोगी ये समझती है कि समय-समय ये सब होते रहने से काम करने के प्रति जोश आता है और बहुत सारी नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
सभी ने पौधारोपण कर दिया साकारात्मक संदेश
जब भी बात आती है सावन की तो मन में सबकुछ हरा-हरा दिखाई देता, चाहे वो पेड़ – पौधे की बात हो या हाथ में लगाई जाने वाली मेहंदी। हम सभी ये सोच तो रखते है कि अब सावन आया है वर्षा होगी पेड़ – पौधे दिखेंगे। लेकिन इसके लिए पौधे लगने भी होंगे, तभी हरियाली होगी और वर्ष भी। चाहे कोई सहर में हो या गाँव में हम पर्यावरण को सवारने में आपनी भूमिका अदा कर सकते है और उसकी एक पहली कड़ी है पौधा लगाना। इसी सोच को व्यवहार में लाने के लिए सहयोगी टीम के सभी साथी द्वारा सावन महोत्सव के उत्सव में एक एक पौधा लगाया गया और ये कोशिश की जाएगी सभी मिल कर पौधों का देखभाल किया जाएगा। आने वाले महीनों और सालों में पर्यावरण और पौधे लगाने तथा पर्यावरण में महिलाओँ की भूमिका एवं नेतृत्व पर सहयोगी हस्तक्षेप करेगी।