पटना : कालाजार उन्मूलन की दिशा में स्वास्थ्य विभाग ने काफी हद तक सफलता दर्ज किया है। कालाजार उन्मूलन में बेहतर चिकित्सकीय सेवा के साथ सामुदायिक जागरूकता की भूमिका महत्वपूर्ण है। इस कड़ी में सीफार का प्रयास सराहनीय है। कालाजार पेटेन्ट नेटवर्क के जरिए कालाजार पर सामुदायिक जागरूकता बढ़ाई जा सकती है। जिससे कालाजार रोकथाम के प्रयासों में सहूलियत भी होगी। उक्त बातें सेंटर फॉर एडवोकेसी एन्ड रिसर्च(सीफ़ार) द्वारा फ़ाइलेरिया एवं कालाजार उन्मूलन में संचार सहयोग विषय पर आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला के शुभारंभ के दौरान अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ विनय कुमार शर्मा ने कही। कार्यक्रम का उद्घाटन अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी फाइलेरिया डॉ परमेश्वर प्रसाद, अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी विनय कुमार शर्मा, आरएचओ डॉ रवि शंकर सिंह, डब्ल्यूएचओ के स्टेट कोऑर्डिनेटर डॉ राजेश पांडेय, फ़ाइलेरिया के राज्य सलाहकार, डॉ. अनुज रावत एवं सीफार के तमाम पदाधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।(सामुदायिक सहभागिता से फ़ाइलेरिया)
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अपर निदेशक सह फाइलेरिया के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ परमेश्वर प्रसाद ने कार्यक्रम में उपस्थि तमाम प्रशिक्षुओं को फाइलेरिया के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि फ़ाइलेरिया मरीजों द्वारा गठित पेशेंट नेटवर्क समूह एक सार्थक पहल है। उन्होंने कहा कि फ़ाइलेरिया के मरीजों द्वारा लोगों को फ़ाइलेरिया के बारे में जागरूक किया जा रहा है और यह फ़ाइलेरिया उन्मूलन के प्रयासों में एक बहुआयामी पहल साबित होगी। साथ ही उन्होंने दूरस्थ इलाकों में फाइलेरिया को लेकर काम कर रहे सीफार के प्रतिनिधियों को आने वाली समस्याओं की समाधान हेतु उपाय भी बताए।
कार्यक्रम में फ़ाइलेरिया के राज्य सलाहकार, डॉ. अनुज रावत एवं सीफार की तरफ से रंजना द्विवेदी, रणविजय कुमार, राजकुमारी दरियाना, रणजीत कुमार, शुभ्रा त्रिवेदी, डॉ सतीश पाण्डेय, अरुनेंदु झा सहित अन्य लोगों ने प्रतिभाग किया।(सामुदायिक सहभागिता से फ़ाइलेरिया)