रोहतास: कैमूर पहाड़ी पर स्थित पीपरडीह पंचायत के दस वार्ड के लिए अस्सी योजना चालू की गई लेकिन पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. पेयजल संकट के कारण पंचायत के आधी आबादी से अधिक ने सोनडीला पर बसेरा बना लिया है. जब ग्रामीण को भरपेट पानी नहीं मिल रहा तो मवेशियों को कहां से पेयजलापूर्त्ति कर पाते.(पंचायत में पानी के)
प्राप्त जानकारी के अनुसार पिपरडीह पंचायत के दस वार्ड के लिए अड़तालीस नलजल योजना तथा बत्तीस मिनी जलापूर्त्ति योजना शुरू की गयी है. इसके अलावा अड़तीस चापाकल भी पीएचइडी ने लगाया है. फिर भी ग्रामीणों को भरपेट पानी नसीब नहीं हो रहा है. एक पंचायत के लिए सिर्फ पेयजल पर करोड़ों की राशि खर्च करने के बावजूद लाभ नहीं मिल रहा है. पहाड़ पर हर साल पेयजल संकट होता है तथा लोगों को गर्मी के दिनों में सोन नदी के किनारे जाकर मवेशियों के साथ रहना पड़ता है. पेयजल को लेकर शोरगुल भी खूब होता है. पेयजलापूर्त्ति का काम देर से शुरू किया जाता है. काम करते करते बारिश आ जाती है तो पहाड़ पर पानी उपलब्ध हो जाता है.(पंचायत में पानी के)
हर साल कि स्थिति को देखते हुए फरवरी महीने में बीडीसी की बैठक में प्रखंड प्रमुख रानी देवी ने पीएचइडी को पहाड़ के लिए आगाह किया था तथा काम शुरू करने का निर्देश भी दिया गया था. लेकिन विभाग लापरवाह रहा जिसके कारण पानी के लिए हाहाकार मचना शुरू हो गया. जब चारों ओर परेशानी हुई तो चापाकल मरम्मत करने के लिए टीम पहाड़ पर गयी तो बीस चापाकल की मरम्मती हुई. पूर्व मुखिया श्यामनारायण उरांव ने शुक्रवार को गांवों का जायजा लिया, जिसमें ग्यारह बोरवेल मे स्टैंग लगाकर पानी दिया जा रहा है. किसी के घर नल नही पहुंच पाया है. मुखिया ने बताया कि पहाड़ पर नाम के लिए अस्सी योजना है लेकिन लाभ नहीं मिल रहा है. मामले को लेकर अधिकारियों से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन संपर्क नही हो पाया.