पटना डेस्क: लोक जनशक्ति पार्टी के पूर्व संस्थापक रामविलास पासवान की आज 77वीं जयंती है। जिस वजह से आज रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान हाजीपुर में एक जनसभा को संबोधित करने वाले हैं और यह जगह उनके चाचा पशुपति पारस का गढ़ भी बताया जाता है। जिस वजह से जनता की नजर कई बातों पर टिकने वाली है।
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एक रिपोर्ट के अनुसार चिराग पासवान के बेटे और लोजपा (रामविलास ) सुप्रीमों चिराग पासवान भी मौजूद रहेंगे। इस दौरान रामविलास पासवान के आदमकद मूर्ति पर पुष्पांजलि कर कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी। रामविलास पासवान देश के प्रमुख दलित नेताओं में शुमार थे। वह ऐसे नेता थे जिन्होंने सरकारी नौकरी छोड़कर ‘सरकार’ ही बनना तय किया था। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने एक बार व्यंग्य करते हुए रामविलास पासवान को ‘राजनीति का मौसम विज्ञानी’ कहा था, जिसके बाद आजीवन यह तमगा उनके साथ बना रहा। अब आज उनके बेटे चिराग पासवान के तरफ से रामविलास का संसदीय इलाके हाजीपुर में कार्यक्रम आयोजित किया है।
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हालांकि, वर्तमान में इस इलाके के सांसद रामविलास पासवान के भाई पशुपति पारस हैं। ऐसे में चिराग आज अब अपने पापा के इलाके में जाकर वहां कार्यक्रम कर अपने पक्ष में हाजीपूर की जनता से खड़ा होने का समर्थन मांगते हुए नजर आएंगे। वैसे भी इस बात की चर्चा है कि चिराग इस बार हाजीपुर से चुनाव लड़ने को देख रहे हैं। हालांकि, उन्होंने खुद इसको लेकर कुछ भी नहीं बोला है। 2014 के लोकसभा चुनाव में रामविलास पासवान, उनके बेटे चिराग पासवान एलजेपी के उन छह सांसदों में शामिल थे जिन्हें जीत हासिल हुई थी।
वहीं, रामविलास पासवान एक एकमात्र ऐसे केंद्रीय मंत्री थे जिन्होंने छह प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया था। 2014 में मोदी सरकार में शामिल होने से पहले पासवान ने वीपी सिंह, एचडी देवगौड़ा, इंद्र कुमार गुजराल, अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह की सरकार में काम किया था।