उप्र में भाजपा के परंपरागत वोटबैंक में लग रही सेंध : जदयू
28 सीटों पर किस्मत आजमा रहे जदयू के उम्मीदवार
मीडिया दर्शन/नईदिल्ली| उत्तरप्रदेश में सत्ताधारी भाजपा को समाजवादी पार्टी और उसके सहयोगी दलों से जहां कड़ी चुनौती मिल रही है, तो वहीं भाजपा की सहयोगी पार्टी जनता दल (यू) भी उसका सिरदर्द बढ़ाने में जुटा है। प्रदेश की 28 सीटों पर चुनाव लड़ रहे जदयू का दावा है कि उसके मैंदान में आने से भाजपा के पिछड़े वोटबैंक में प्रभावी सेंध लगी है। यह अलग बात है कि भाजपा जदयू की मौजूदगी से फिक्रमंद नहीं दिख रही है।
बिहार में भाजपा के साथ मिलकर सरकार चला रहा जदयू
बिहार में भाजपा के साथ मिलकर सरकार चला रहा जदयू उत्तरप्रदेश में भी गठबंधन करना चाहता था। लेकिन भाजपा के मना करने के बाद जदयू को आखिरकार अकेले ही चुनावी समर में जाना पड़ा। चूंकि प्रदेश में इस बार भाजपा और सपा गठबंधन बीच नजदीकी लड़ाई दिख रही है, ऐसे में जदयू के चुनावी रण में आने से भाजपा के परंपरागत कुर्मी वोटबैंक में सेंध लगने की संभावना जताई जा रही है। जदयू के उत्तरप्रदेश अध्यक्ष अनूप सिंह पटेल कहते हैं कि भाजपा इस बार पूरब से लेकिर पश्चिम तक मुश्किल में है। उन्होने कहा कि जदयू के मैंदान में आने से भाजपा का प्रभावी कुर्मी वोटबैंक टूट रहा है, जिसका असर 10 मार्च के चुनाव परिणाम में दिखेगा।
चुनाव प्रचार से दूर रहे नीतीश-आरसीपी
जदयू उत्तरप्रदेश में भले ही दो दर्जन से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ रहा है, लेकिन पार्टी के शीर्ष नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुनाव प्रचार से दूर हैं। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अनूप पटेल बताते हैं कि नीतीश के प्रचार में आने की अब कोई संभावना नहीं है। इसी प्रकार जदयू कोटे से मोदी सरकार में मंत्री आरसीपी सिंह भी प्रचार करने नहीं पहुंचे हैं। प्रचार से इन दो बड़े नेताओं की बेरूखी यह बताने के लिए काफी है कि पार्टी उत्तरप्रदेश चुनाव को कितनी गंभीरता से ले रही है। हालांकि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ लल्लन सिंह ने वाराणसी, बलिया और मिर्जापुर में प्रचार किया है।