• किसी और कि राशि दूसरे संवेदक के अकाउंट में किया गया ट्रांसफर
• कार्यपालक अभियंता व संवेदकों की मिलीभगत से भवन निर्माण विभाग में लूट
मीडिया दर्शन/ सासाराम : सासाराम स्थित भवन निर्माण विभाग में अनियमितता मामला लगातार देखने और सुनने को मिलता रहता है। जग जाहिर है कि इस विभाग में बिना कमिशन के कोई भी टेंडर संवेदक को नही दिया जाता। भवन विभाग से एक और घालमेल का मामला प्रकाश में आया है। जानकारी के अनुसार विभाग द्वारा किसी और संवेदक का पैसा दूसरे संवेदक के अकाउंट में डाल दिया गया और डालने के बाद बिना सूचना के ही दूसरे संवेदक का अकाउंट को होल्ड करा दिया गया। बता दें कि भवन विभाग में संवेदक किरण देवी के पीएनबी शाखा का बैंक अकाउंट नंबर 084600010028080 में 12 जनवरी को सुबह 8 बजे 4 लाख 63 हज़ार 147 रुपये राशि क्रेडिट हुआ। किरण देवी ने समझा कि उनके द्वारा कराए गए कार्य का राशि प्राप्त हुआ है इसलिए उन्होंने उसमें से उसी दिन आवश्यक कार्य के लिए 45 हज़ार राशि निकाल भी लिया। पुनः 14 जनवरी को अपने बेटे के इलाज के लिए पैसा निकासी करने गए तो मालूम चला कि उनका खाता 14 जनवरी को भवन विभाग के कार्यपालक अभियंता के द्वारा पत्र लिखकर होल्ड करा दिया गया है। जब रात्रि में संवेदक किरण देवी के पति ने कार्यपालक अभियंता से जनकारी लिया तो उन्हें बताया गया कि उनके एकाउंट में दूसरी किरण देवी का पैसा गलती से चला गया है इसकारण होल्ड करा दिया गया है।
पति को मिली जान से मारने की धमकी
बता दें कि जिस संवेदक के खाते में राशि गई थी वह राशि भवन निर्माण विभाग के अनुसार मदन मोहन तिवारी की पत्नी किरण देवी का था। वही मदन मोहन तिवारी ने संवेदक किरण देवी के पति मनोज पाठक के मोबाइल नंबर पर कॉल करके गाली-गलौज भी किया और जान से मारने की भी धमकी दे डाली। इस मामले में मनोज पाठक ने कहा कि जब यह विभागीय भूल थी तो इसमें मदन मोहन तिवारी की क्या भूमिका वह आखिर क्यों कॉल करके मुझे मारने की धमकी दे रहे थे। उन्होंने कहा कि मदन मोहन तिवारी एवं कार्यपालक अभियंता के साथ काफी गहरा रिश्ता है और कार्यपालक अभियंता के कृपा से ही मदन मोहन को काफी टेंडर भी दिया जाता है। संवेदक ने कहा कि जब राशि मेरे खाते में आ गई तो उसका जीएसटी कौन देगा। उन्होंने कहा कि जब इसके बारे में कार्यपालक अभियंता से बात की गई तो उन्होंने कहा कि आपका जीएसटी नहीं कटेगा यदि कटेगा तो विभाग भरपाई करेगा।
संवेदकों से है गहरा रिश्ता
सूत्रों से मिली जनकारी के अनुसार विभाग में घोर अनियमितता है। बिना पैसे या घुस का कोई कार्य नहीं होता है। साथ ही साथ कुछ संवेदकों के साथ कार्यपालक अभियंता का गहरा रिश्ता है और कार्यपालक अभियंता उन लोगों पर काफी मेहरबान रहते हैं।
क्या कहते है कार्यपालक अभियंता
जब इस मामले की जानकारी कार्यपालक अभियंता भवन निर्माण विभाग रोहतास से ली गई तो उन्होंने बताया कि यह मानवीय भूल थी क्योंकि दोनों संवेदकों का नाम एक ही था और दोनों का खाता पीएनबी बैंक में ही था। इस वजह से अकाउंटेंट की गलती से किसी और की राशि दूसरे संवेदक के अकाउंट में चला गया। उन्होंने बताया की इसकी जानकारी संवेदक को दे दी गई थी और जितने पैसे अकाउंट में डाले गए थे सिर्फ उतने ही पैसे को होल्ड किया गया था। उन्होंने कहा कि दोनों संवेदकों को बुलाकर मामले का निपटारा कर लिया गया है अब कोई समस्या नहीं है।