आशाकर्मी प्रत्येक घरों में जाकर देंगी ओआरएस का पैकेट व जिंक की गोली
सासाराम। बच्चों को होने वाली विभिन्न रोगों एवम जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए केंद्र सरकार के साथ साथ राज्य सरकार द्वारा लगातार अभियान चलाया जा रहा है ताकि शिशु मृत्य दर में कमी लायी या जा सके। इसी उद्देश्य से शुक्रवार को सासाराम सदर अस्पताल के प्रांगण में सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा का शुभारंभ किया गया। पखवाड़ा का शुभारंभ सिविल सर्जन डॉ के एन तिवारी, अस्पताल उपाधीक्षक डॉ श्री भगवान सिंह, डीआईओ सह दस्त नियंत्रण के नोडल पदाधिकारी डॉ आर के पी साहू, यूनिसेफ के एसएमसी असजद इकबाल सागर, डीपीएम अजय कुमार सिंह, डीपीसी संजीव मधुकर ने दीप प्रज्वलित कर के किया।(रोहतास: बच्चों को डायरिया)
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15 जुलाई से शुरू सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा आगा गमी 30 जुलाई तक चलेगा। इस दौरान आशा कार्यकर्ता जिले के सभी प्रखण्ड स्थित घरों में जा जा कर एक ओआरएस का पैकेट एवम पांच जिंक की टैटेबलेट देंगी। जिन घरों में दस्त से पीड़ित बच्चे पाए गए उस घर में मे 2 पॉकेट ओआरएस एवं 14 जिंक की टैबलेट प्रदान की जाएगी। इसकी जानकारी देते हुए सिविल सर्जन डॉ के एन तिवारी ने बताया कि 0 से 5 साल के बच्चे अक्सर डायरिया से पीड़ित हो जाते है। उसी से बचाव को लेकर यह पखवाड़ा मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि यह पखवाड़ा 30 जुलाई तक आयोजित किया जाएगा जिसमें मे आशाकर्मी प्रत्येक घरों में जाकर ओआरएस एवं जिंक की गोली बाटेंगी।
ओआरएस एव जिंक की गोली जरूरी
डीआईओ डॉ आरकेपी साहू ने बताया कि बरसात के दिनों में 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में डायरिया का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। ऐसे में प्राथमिक उपचार में ओआरएस की घोल एवं जिंक का टेटैबलेट बहुत ही फायदेमंद होता है। उन्होंने बताया कि डायरिया के दौरान बच्चों में डिहाइड्रेशन की कि समस्या हो जाती है जो बच्चों के लिए जानलेवा भी साबित हो सकती है। ऐसे में 2 दिनों तक लगातार ओआरएस का की घोल एवं 14 दिनों तक लगातार जिंक की गोली बच्चों बच्चो के लिए फायदेमंद होती है। इससे बच्चों की जान बचाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि 0 से 6 महीना के बच्चों को दस्त हो जाये तो इसे दो दिनों तक लगातार ओआरएस का की घोल एवं आधा जिंक की गोली डेली देना है। 7 माह से 5 साल के बच्चे को घोल के साथ एक जिंक की गोली लगातातर 14 दिनों तक देना है हैं। डॉ साहू ने बताया कि 14 दिनों तक जिंक की गोली देने के बाद अगले तीन महीनों तक बच्चों बच्चो को डायरिया होने का खतरा कम होता है। डॉ साहू ने बताया कि जिले में साढ़े पांच लाख घरों में साढ़े चार लाख बच्चों को लक्षित किया गया है।(रोहतास: बच्चों को डायरिया)
स्वच्छता को लेकर किया जाएगा जागरूक
सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा उद्घाटन उद्घटान कार्यक्रम में मौजूद यूनिसेफ के एसएमसी असजद इकबाल सागर ने बताया कि बच्चों में डायरिया होने में ने गंदगी की अहम भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि इस पखवाड़ा के दौरान आशा कार्यकर्ता ओआरएस एवं जिंक की गोली देने के साथ साथ स्वच्छता के प्रति भी जागरूक करेंगी । जिसमें मे सही तरीके से हाथ धोने की जानकारी देंगी। साथ ही साथ घरेलू उपचार से बच्चे को डायरिया से पीड़ित होने से कैसे बचाया जाए ये भी जानकारी देंगी।