शिवसागर। शिवसागर प्रखण्ड स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सुरक्षित गर्भसमापन कार्यक्रम के तहत आशा फासिलेटर को जानकारी दी गई। इस अवसर पर आई पास की रिसर्च एंड ट्रेनिंग कॉर्डिनेटर रीता सिंह ने सभी आशा को विशेष श्रेणी के महिलाओं के गर्भ समापन की अवधि 20 से 24 सप्ताह तक बढ़ाये गए कानून के बारे जानकारी दिया। इस उन्मुखीकरण में जानकारी दी कि 1971 से पूर्व किसी भी प्रकार का गर्भ समापन अवैध माना जाता था। गर्भ समापन के लिए बड़ी कठिनाइयां होती थी। अनेक तरह के घरेलू उपायों से गर्भ समापन करने को प्रक्रिया में महिलाओं की मृत्यु हो जाती थी। उसे रोकने के लिए 1971 में मे एमटीपी एक्ट बना।(रोहतास: शिवसागर प्रखण्ड के)
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इसके बाद से सुरक्षित गर्भ समापन की प्रक्रिया शुरू हुई। उन्होंने बताया कि 1971 के प्रावधानों के अनुसार गर्भ समापन कई शर्तों के साथ वैध माना गया एवम एमटीपी एक्ट 2021 में संशोधन किया गया। जिससे विशेष श्रेणी के महिलाओं के लिए 24 सप्ताह तक के गर्भ को शर्तों के अनुसार समापन कराया जा सकता है। उन्होंने बताया कि पर्याप्त भ्रूण विकृति के मामलों में गर्भावस्था के दौरान किसी भी समय गर्भ समापन को मान्य किया गया है। किसी भी महिला या उसके साथी के द्वारा प्रयोग किए गए गर्भनिरोधक तरीके की विफलता की स्थिति में अविवाहित महिलाओं को भी गर्भ समापन सेवाएं दी जा सकेंगी। उन्होंने बताया कि 20 सप्ताह तक एमटीपी के लिए एक आरएमपी और 20 से 24 सप्ताह के लिए दो आर एम पी की राय चाहिए। इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि गोपनीयता को कड़ाई से बनाए रखा जाना भिनआवश्यक है।(रोहतास: शिवसागर प्रखण्ड के)