हिजाब विवाद अब बिहार में देखने को मिला है
मीडिया दर्शन/कैमूर| बिहार के कैमूर जिले के सरकारी अस्पताल में हिजाब और नकाब लगाकर अपनी बच्ची का इलाज कराने गई महिला की बच्ची का इलाज नहीं करने का मामला प्रकाश में आया है| मोहनियां शहर के अनुमंडलीय अस्पताल में चिकित्सक की लापरवाही सामने आते रहती हैं। अनुमंडलीय अस्पताल में एक मामला सामने देखने को मिला है, जहां बुरखा लगाकर महिला अस्पताल में इलाज कराने गई, जिसका चिकित्सक ने इलाज करने से ही मना कर दिया। यहां तक कि उसके दवा पर्ची पर भी कपड़े के बदले मास्क लगाने पर ही इलाज करने को लिख डाला और इलाज नही किया।
मालूम हो कि शुक्रवार को शहर के वार्ड नंबर सात निवासी अलाउद्दीन अंसारी की पत्नी गौहर आरा ने अपनी पुत्री आलिया परवीन को इलाज कराने के लिए अनुमंडलीय अस्पताल में पहुंची हुई थी। इस दौरान उसने लाइन में लगकर निबंधन काउंटर पर पहुंचकर पर्ची कटाया और नियमानुसार फिर लाइन में लगकर ओपीडी में तैनात डॉक्टर प्रेम शंकर को पर्ची देकर दवा लिखने के लिए डॉक्टर को बताने लगी। इस बीच महिला हिजाब अवस्था में थी तथा उसकी बेटी मास्क लगाई हुई थी| इसके बाद भी ड्यूटी में मौजूद चिकित्सक प्रेम शंकर अचानक महिला पर भड़क गए और महिला को नकाब नहीं पहनकर बल्कि उसे मास्क लगाने की हिदायत देने लगे। इस पर नकाब लगाई महिला द्वारा यह कहा गया कि वह पूरी तरह नकाबपोश अवस्था में है तथा उसकी छोटी बेटी का इलाज करना है जो मास्क लगाई ही है| इस पर डॉक्टर ने हिजाब उतार कर मास्क लगाने को कहा| महिला के ऐसा नही करने पर डॉक्टर ने पर्ची पर इलाज नही करने को लिखा और इलाज करने से मना कर दिया| कहा कि कपडे से ढकने से काम नहीं चलेगा। जिसके बाद महिला ने इस मामले की जानकारी अपने पति को फोन से दी। इसके बाद इसकी जानकारी मिलते ही परिजनों ने अस्पताल में पहुंचकर हो हंगामा करना शुरू किया।