सासाराम। गरिमापूर्ण व सम्मान के साथ प्रसव को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा चिकित्सा पदाधिकारियों, प्रसव कक्ष की प्रभारी, जीएनएम, एएनएम व आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित कर उसे परिपक्व करने का काम किया जा रहा है। प्रसव के दौरान महिलाओं और उनके नवजात शिशुओं के साथ किस तरह का व्यवहार करने के साथ ही उस प्रसूता की देखभाल को बेहतर बनाने के लिए बुधवार को सासाराम सदर अस्पताल स्थित पैरामेडिकल भवन में एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सभी चिकित्सा पदाधिकारी, लैब टेक्नीशियन, ओटी सहायकों को प्रोन्टो इंटरनेशनल के द्वारा प्रशिक्षित किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में इंडिया प्रोन्टो से आई निधि सुब्रमण्यम के अलावा जिला स्वास्थ समिति के डीपीएम अजय सिंह, डीपीसी संजीव मधुकर, अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी ऋतुराज, केयर इंडिया के डीटीएल दिलीप मिश्रा, रूबी ग्लोरिया, अवध मिश्रा के अलावा अन्य लोग मौजूद रहे।(कर्मियों ने सीखे हुनर )
प्रोन्टो इंटरनेशनल की ओर से प्रशिक्षण देने आई निधि सुब्रमण्यम ने बताया कि प्रसव से पहले, प्रसव के दौरान या उसके बाद स्वास्थ्य केंद्रों में देखभाल या सलाह देने को लेकर गरिमापूर्ण मातृत्व देखभाल के तहत डॉक्टर्स, नर्सेज एवं जो डिलीवरी एवं लेबर रूम से संबंधित कर्मी है उन को प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें उन्हें बताया गया कि गर्भवती मां जब लेबर पेन में आती है तो उनके साथ कैसे व्यवहार किया जाए। उन्होंने बताया कि प्रसव के दौरान सबकी भूमिका अलग अलग होती है सभी को उनके कार्यों के अनुरूप उन्हें प्रशिक्षण दिया गया ताकि गर्भवती महिला एवं जच्चा-बच्चा को सम्मानजनक केयर प्रदान किया जा सके।(कर्मियों ने सीखे हुनर )
मौके पर मौजूद डीपीएम अजय सिंह ने कहा कि अस्पताल में गर्भवती महिलाओं के प्रसव के दौरान अभिभावकों या नवजात शिशुओं के साथ अव्यावहारिक तरीके से पेश आने के कारण अस्पताल प्रबंधन पर गलत प्रभाव पड़ता है। जिससे मरीजों में अस्पताल एवं कर्मियों के प्रति नकारात्मक सोच पैदा होती है। इसको लेकर उपस्थित सभी स्वास्थ्य विभाग से जुड़े अधिकारियों एवं कर्मियों को सम्मानजनक मातृत्व देखभाल के लिए सुझाव भी दिया गया है। जिसे राष्ट्रीय नीतियों, सुविधा केंद्रों में बदलावों और सामुदायिक स्तर पर जागरूकता के माध्यम से निपटा जा सकता है। क्योंकि विभाग द्वारा अपने नागरिकों को गरिमामय मातृत्व देखभाल मुहैया कराए जाने को लेकर समय-समय पर अधिकारियों एवं कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाता है। ताकि सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में अधिक से अधिक प्रसव या मरीजों का आना हो सके और सरकारी अस्पताल के साथ-साथ सरकारी स्वास्थ्य कर्मियों के प्रति लोगों के मन में सकारात्मक सोच आ सके। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार सरकारी स्वास्थ्य विभाग में लगातार बेहतर सुधार कर रही है और स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को लेकर आने वाले मरीजों को बेहतर इलाज हो सके इसके लिए जिला स्वास्थ समिति भी लगातार प्रयासरत है।