पटना : भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कोविड के एक बार फिर से बढ़ते खतरे के संदर्भ में बिहार सरकार द्वारा मेडिकल काॅलेजों के माॅक ड्रिल की सराहना की है लेकिन उसे नाकाफी बताया है. कहा कि कोविड के दूसरे उभार के समय हमने बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था की गहन जांच – पड़ताल की थी और यह पाया था कि जिला स्तरीय व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को जबतक ठीक नहीं किया जाता, महामारियों से निपटना असंभव है.
यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस दिशा में सरकारी प्रयास काफी कमजोर है. एक रिपोर्ट के मुताबिक राजधानी पटना में भी दो ऐसे स्वास्थ्य केंद्र हैं जहां कोई भी डाॅक्टर नहीं है. नीचे के अस्पतालों में तो डाॅक्टर, नर्स, दवाई, आइसीयू आदि सुविधाओं का घोर अभाव है. महामारी के उभार के दौर में सरकार नीचे के स्तर पर जो भी डाॅक्टर होते हैं, उन्हें पटना बुला लेती है, इसके कारण स्थिति और गंभीर हो जाती है. सरकार को इस तरह के कदम उठाने से बचना चाहिए.
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हमारी मांग है कि सरकार समय रहते जिला, सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति सुधारने पर ध्यान दे. डाॅक्टर सहित अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की पर्याप्त संख्या में बहाली करे तथा इन अस्पतालों को आधुनिक सुविधाओं से लैस करे. तभी हम कोविड के इस बार के संभावित खतरे से सफलतापूर्वक निपट सकते हैं.