आरा। नैक की मान्यता के महत्व और मूल्यांकन पर खरा उतरने संबंधित जानकारी को ले वीर कुंवर सिंह विवि की ओर से एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में शिक्षा, परीक्षा, रिजल्ट के साथ सुविधा और संसाधन सहित अन्य बिन्दुओ पर नैक मूल्यांकन को ले प्रकाश डाला। शिक्षा विभाग के सचिव असंगबा चुबा आओ भी मौजूद थे। कार्यशाला में विवि के पीजी विभागों के हेड के साथ अंगीभूत कॉलेज के प्राचार्य शामिल थे। सचिव श्री आओ ने विस्तार से नैक मूल्यांकन से संबंधित प्रक्रियाओं पर रोशनी डाली। नैक के नवीनतम दिशा-निर्देशों पर चर्चा की। साथ ही नैक के उद्देश्यों को विस्तार से समझाया।बताया कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार को ले योजना बनायीं जा रही है।नैक का महत्व भी अब बढ़ गया है।यूजीसी, रूसा और सरकार से अनुदान प्राप्त करने के लिए नैक से जुड़ना आवश्यक है। उन्होंने वीर कुंवर सिंह विवि के एआईएसएचई के डाटा अपलोड करने में बेहतर प्रदर्शन की सराहना की।कहा कि कॉलेज नैक तैयारी में इस बात का ख्याल रखें कि एआईएसएचई के डाटा और नैक डाटा में एकरूपता रखें।उन्होंने रिसर्च, पठन- पाठन, शिक्षा की क्वालिटी विकसित करने पर बल दिया।कार्यशाला की अध्यक्षता कुलपति प्रो केसी सिन्हा, स्वागत भाषण कुलसचिव प्रो धीरेंद्र कुमार सिंह और विषय प्रवर्तन विवि नैक नोडल ऑफिसर सह सीसीडीसी प्रो नीरज कुमार ने किया।(शिक्षा से लेकर सुविधा शिक्षा से लेकर सुविधा)
नैक एक्सपर्ट ने सवालों का दिया जवाब
नैक की बारीकियों से अवगत कराने के लिए रूसा, शिक्षा विभाग और नैक के एक्सपर्ट कार्यशाला में मौजूद रहे। दूसरे सत्र में एकेडमिक सलाहकार रूसा के प्रो एनके अग्रवाल ने नैक मूल्यांकन के हर बिंदु पर विस्तार से चर्चा की। महाविद्यालय के प्रतिनिधियों के प्रश्नों के जवाब भी दिए। कहा कि कॉलेज से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक शैक्षिणक कैलेंडर बनना चाहिए, ताकि छात्रों को शिक्षा प्रदान करने की योजना पहले से शैक्षिणक कैलेंडर में शामिल किया जा सके। उन्होंने कहा कि परीक्षाफल के माध्यम से छात्रों की गुणवत्ता का आकलन किया जाता हैं, इसी तर्ज पर कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों के मूल्यांकन के लिए राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद् (नैक) ग्रेडिंग जरूरी है। शिक्षा और परीक्षा मामलों के विशेषज्ञ डॉ फ़्रांसीस सी पीटर ने कहा कि सरकार राज्य के सभी उच्चत्तर शिक्षा संस्थानों को अनुदान देकर आधारभूत संरचना प्रदान कर रही है, लेकिन सही रूप से उनका उपयोग संस्थान नहीं कर पा रहे हैं। इस वजह से शिक्षा की गुणवत्ता में कमी देखने को मिल रही है। नैक मूल्यांकन के माध्यम से सरकार को यह रिपोर्ट कार्ड मिल सकेगा कि किन संस्थानों में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर बेहतर कार्य किये जा रहे हैं। किस संस्थान को सरकारी अनुदान की जरूरत है। उन्होंने नैक मूल्यांकन के लिए संस्थानों की आहर्ता एवं मूल्यांकन की विधि पर चर्चा की गयी।
नैक से जुड़ने वाले कॉलेज को ही अब मिलेगा लाभ
रूसा के एकेडमिक ऑफिसर गौरव सिक्का ने कहा कि अब नैक से जुड़ने वालों को ही हर लाभ मिलेगा।इसलिए हर कॉलेजों को इसके लिए गंभीर होना पड़ेगा।कुलपति प्रो केसी सिन्हा ने कहा कि नैक के नये पैटर्न के अनुरूप तैयारी करने पर ही हमें बेहतर ग्रेड हासिल होगा। उन्होंने कहा कि नैक विवि में रिसर्च के स्तर और कॉलेजों में पठन पाठन के स्तर का मूल्यांकन कर अपनी रिपोर्ट देती है। इसलिए विभाग रिसर्च में तेजी लाये।साथ ही उसका प्रोफाइल भी तैयार करें। संचालन कुलसचिव प्रो धीरेंद्र कुमार सिंह ने किया। सीसीडीसी प्रो नीरज कुमार ने बताया कि शुक्रवार को बीएड और संबद्ध कॉलेजों की कार्यशाला है। मौके पर प्राचार्या डॉ नरेंद्र कुमार, डॉ नवीन कुमार, डॉ आभा सिंह सहित अन्य प्राचार्या व हेड मौजूद थे