विज्ञान मेला व प्रदर्शनी में बच्चों ने बनाए विक्रम लैंडर
जिससे आज हम सब अति पिछड़ा किसान मजदूर भाई खुशहाल हैं। बताया कि माननीय मुख्यमंत्री ने सर्वप्रथम 2006 में अति पिछड़ा वर्ग के लिए आयोग का गठन किया था, जो आज तक एक मॉडल बनकर पूरे देश भर में अति पिछड़ों का कल्याण कर रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ा वर्ग के लोग छात्र-छात्राओं को मिलने वाली छात्रवृत्ति, पोशाक, साइकिल राशि जैसी कई योजनाओं कल लाभ उठा रहे हैं। अतिपिछड़ा वर्ग के लिए प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत तहत छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति योजना, मेगा भारती योजना के तहत दसवीं की परीक्षा में प्रथम श्रेणी से पास छात्राओं को 10000 रूपए का अनुदान लोकप्रिय मुख्यमंत्री द्वारा दिया जा रहा है। कहा गया कि एक तरफ अति पिछड़ा विरोधी केंद्र सरकार जो अति पिछड़ा के प्रति राजनीतिक अपमान का व्यवहार रखता है। इसलिए जननायक कर्पूरी ठाकुर को अब तक भारत रत्न नहीं दिया गया। अतः आगामी लोकसभा चुनाव में माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथों को मजबूत करेंगे और केंद्र के सरकार को देश की गड्डी से हटाकर रहेंगे। क्योंकि, बिहार में विधानमंडल से जाती गणना का सर्वसम्मती से प्रस्ताव पारित कर लिया गया था । परंतु प्रत्यक्ष रूप से भाजपा ने अपने संगठनों द्वारा अड़ंगा लगाकर रोकने का प्रयास किया। साथ हीं संविधान प्रदत्त 27% आरक्षण के खिलाफ न्यायालय में याचिका दाखिल की गई थी। इन सारे उदाहरण से स्पष्ट है कि केंद्र की भाजपा सरकार अती पिछड़ा विरोधी नीति बंद करे नहीं तो दिल्ली का गद्दी खाली कर दे। इस मौके पर अति पिछड़ा प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष जितेंद्र सिंह चंद्रवंशी, सुरेंद्र सिंह चंद्रवंशी, रमेश कुमार सिंह उर्फ ऋषि सिंह, पंचायत समिति वीरू सिंह चंद्रवंशी, प्रवीण कुमार चंद्रवंशी उर्फ संतु कुमार, आतिफ मिश्रा, प्रखंड अध्यक्ष सुनील कुमार भगत, समाजसेवी चंदन सिंह, पिंटू चंद्रवंशी, रंजन सिंह चंद्रवंशी , कार्तिक शर्मा, विजय विश्वकर्मा, प्रहलाद कुमार, शंभू सिंह, मनोज सिंह चंद्रवंशी, प्रभा देवी, गीता सिंह, रंजीत सिंह चंद्रवंशी, धर्मदेव कुमार, डॉ. सुजीत सिंह, धनंजय सिंह छोटू कुमार, उदय सिंह, राजा बाबू ,मोहम्मद ख्वाजा, अतीक राजा, शमशाद आलम, धर्मेंद्र कुमार वर्मा समेत कई अन्य लोग उपस्थित रहे।