औरंगाबाद जिले के कुटुंबा प्रखंड के एक गांव में मंकी पॉक्स के एक संदिग्ध मरीज मिलने की खबर से पूरे जिले में हड़कंप है। संदिग्ध मरीज मिलने की सूचना जैसे ही औरंगाबाद स्वास्थ्य महकमा को लगी उन्होंने एक टीम भेजकर संदिग्ध मरीज का सैंपल लिया और उसे जांच के लिए पटना भेज दिया।
जानकारी देते हुए औरंगाबाद के सिविल सर्जन डॉ कुमार वीरेंद्र प्रसाद एवं एसीएमओ किशोर कुमार ने बताया कि संदिग्ध मरीज के मिलते ही चिकित्सकों की एक टीम उसके घर पहुंची और उसके सैंपल एकत्रित कर जांच के लिए पटना भेज दिया गया है। चिकित्सकों ने बताया कि संदिग्ध व्यक्ति से लिये गये सैंपल की पांच तरह से जांच की जाएगी और जांच की रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि उक्त युवक मंकी पॉक्स से ग्रसित है या नहीं। संदिग्ध मरीज की ट्रैवलिंग हिस्ट्री रही है और वह हाल फिलहाल में ही दिल्ली से आया है
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सूचना के बाद से चिकित्सकों द्वारा संदिग्ध मरीज को पूरी तरह से आइसोलेट कर दिया गया है एवं उसके परिजनों को भी इससे दूर रहने से संबंधित कई निर्देश दिए गए हैं।
इस संबंध में जब परिजनों से बात की गयी तो उनमें बिहार की चिकित्सीय व्यवस्था को लेकर काफी आक्रोश दिखा। परिजनों ने बताया कि जब शरीर के हिस्से पर पॉक्स के लक्षण दिखने लगे तो इलाज के लिए वे मंकी पॉक्स के संदिग्ध मरीज को लेकर पटना गये थे। परंतु न तो उसे पीएमसीएच में जगह मिली और नही ही आईजीआईएमएस में। सभी अस्पतालों ने मरीज की अवस्था को देखकर अपने हाथ खड़े कर दिए। वहीं परिजनों ने औरंगाबाद के चिकित्सकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा की औरंगाबाद स्वास्थ्य विभाग को जैसे ही जानकारी मिली उन्होंने एक टीम उनके घर भेजकर जांच के लिए सैंपल एकत्रित किया।