भभुआ| राज्य सरकार के निर्देश को लेकर जिले के आलाधिकारी सभी पंचायतों में सरकार की योजनाओं जिसमें रासन, नल जल, सड़क शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं की जाँच की जा रही है, जहाँ लाभुकों से पूछताछ कर योजनाओं की जमीनी स्तर पर जाँच की जा रही है, इसके बाद भी कैमूर जिले के पहाड़ी क्षेत्रों में कहीं 3 माह तो कहीं 5 माह से लाभुकों को रासन नहीं मिलने का मामला प्रकाश में आया है|(कैमूर: पंचायतों में रासन)
जिले के चैनपुर पहाड़ी क्षेत्र के डुमरकोन पंचायत के सेमरा के ग्रामीणों को 3 माह से पीडीएस दुकान से अनाज नही मिल रहा है, जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने आपूर्ति विभाग के एमओ को भी किया इसके बाद भी रासन नही मिलने पर कैमूर जिले के जिलाधिकारी कार्यालय पहुंच रासन देने की गुहार लगाया| सोमवार को राशन नही मिला तो गुस्साए लाभुकों ने मुखिया के साथ कैमूर डीएम नवदीप शुक्ला के पास पहुंच कर आवेदन देकर डीलर पर आरोप लगाते हुए हटाने की मांग किया|
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चैनपुर के डूमरकौन पंचायत के सेमरा गांव के दर्जनों से अधिक ग्रामीणों राशन कार्डधारकों को पीडीएस डीलर द्वारा 3 माह से राशन वितरण नहीं किया जा रहा है,और डीलर द्वारा धमकी देते हुए कहा जा रहा है कि तुम्हारा नाम काट दिया है जो करना है करलो जहाँ जाना है वहाँ जाओ,जिसे लेकर गुस्साए दर्जनों से ऊपर कार्डधारी ग्रामीण व साथ में वहां के मुखिया आवेदन लेकर डीएम कार्यालय पहुंच गए|(कैमूर: पंचायतों में रासन)
25 लाभुकों को 3 माह और 2 माह से सभी लाभुकों को नही मिला रासन, डीलर द्वारा धमकी देने का आरोप
डूमरकोन पंचायत के मुखिया परमानंद कुमार सिंह व सेमरा गांव के कार्डधारियों द्वारा बताया गया कि इस गांव में जन वितरण प्रणाली के संचालक मंजू देवी पति राम अवध यादव हैं,जिनके द्वारा 3 माह से करीब 25 से अधिक कार्डधारियों को राशन वितरण नहीं किया जा रहा है,वहीं अन्य कार्ड धारियों को करीब 2 महीने से राशन वितरण नहीं किया जा रहा है,कार्डधारियों द्वारा यह भी आरोप लगाया गया है कि संचालक मंजू देवी के पति राम अवध यादव द्वारा मारने पीटने का भी धमकी दिया जाता है
और बोलता है कि जाओ जो करना है वह कर लो आगे हम देख लेंगे।(कैमूर: पंचायतों में रासन)
सरकारी दर से अधिक राशि वसूलने का आरोप
ग्रामीणों ने बताया कि सरकार के द्वारा गेहूं की कीमत 2 रुपये प्रति किलो और चावल का रेट 3 रुपये प्रति किलो है, लेकिन डीलर द्वारा कार्डधारी से एक से 2 रुपये प्रति किलो की दर से वसूला जाता है, जिसका कोई रसीद भी नही दिया जाता है,
एमओ से की गई थी शिकायत, नही हुई कार्रवाई
ग्रामीणों ने बताया कि पिछले साल सितंबर माह में इस शिकायत को लेकर एमओ के पास गए थे लेकिन इसका कोई भी सुनवाई नहीं हो पाया,इन्हीं सब शिकायत को लेकर करीब 50 से 60 कार्ड धारी लाभुकों ने डीलर के विरुद्ध आवेदन लेकर डीएम कार्यालय में आवेदन देकर डीलर का लाइसेंस रद्द करने के लिए मांग किया है। वहीँ ग्रामीणों ने स्थानीय आपूर्ति विभाग के अधिकारी पर भी मिली भगत कर रासन नही देने का आरोप लगाया।
मंगलवार को भी 5 माह का रासन नहीं देने की शिकायत को लेकर डीएम कार्यालय पहुँचे ग्रामीण
मंगलवार को अधौरा प्रखंड के कान्हानार से भी समाहरणालय स्थित जिलाधिकारी कैमूर के कार्यालय पीडीएस डीलर की शिकायत लेकर पहुंचे ग्रामीण, ग्रामीणों ने बताया कि अधौरा प्रखंड के जमुनिनार पंचायत के वार्ड नं 3 कान्हानार की पीडीएस डीलर के द्वारा दिसंबर 2021 के बाद रासन नही दिया गया जब जून माह में रासन वितरण किया जा रहा है जब पिछले महीने के रासन की माँग करने पर रासन नही दिया जा रहा है।(कैमूर: पंचायतों में रासन)
पहाड़ी क्षेत्रों में रासन वितरण में उठ रहे हैं कई सवाल
अब सवाल यह है कि सरकार के द्वारा संचालित सभी योजनाओं के साप्ताहिक जांच के क्रम में आखिरकार जांच अधिकारी को ये खामी नजर क्यो नही आती? वहीँ शिकायत के बाद भी रासन वितरण में अनियमितता की शिकायत क्यो आ रही है? स्थानीय अधिकारियों के द्वारा पीडीएस दुकान की जाँच क्यो नही की जाती अगर जाँच की जा रही है तो जांच में अनियमितता उजागर क्यों नही हो पाती ही? अगर अनियमितता उजागर हो रही है तो कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है।
बायोमेट्रिक सिस्टम के बाद भी क्यो होती है रासन वितरण में अनियमितता
सरकार के द्वारा रासन वितरण में बायोमेट्रिक सिस्टम लगाया गया है, जिसके तहत लाभुकों के हाँथ की अंगुलियों का निशान लेने के बाद भी रासन का वितरण किया जाना है, लेकिन कैमूर पहाड़ी पर नेटवर्क की समस्या को देखते हुए पूर्व की तरह की ऑफलाइन मैनुअल सिस्टम से रासन का वितरण किया जाता है,और नेटवर्क क्षेत्र में आकर ऑनलाइन किया जाता है, जिसकी वजह से पहाड़ी क्षेत्रों में कुछ डीलरों के द्वारा अनियमितता की शिकायत मिलती है, जो नेटवर्क की समस्या में अवसर में बदलकर अनियमितता करते हैं।(कैमूर: पंचायतों में रासन)