पटना डेस्क: एक कहावत आपने सुनी होगी कि जिनके सपनों में जान होती है, जो हार नहीं मानते मंजिल केवल उन्हें ही मिलती है. इस सपने को साकार कर दिखाया है एक ड्राइवर के बेटे ने. लखनऊ के पास स्थित बहराइच जिले के जिलाधिकारी के ड्राइवर जवाहर लाल मौर्या के बेटे ने अपने हौसलों के दम पर सफलता कई नई ऊंचाईयों को छुआ है.
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बता दें, बहराइच जिले के DM के ड्राइवर जवाहर लाल मौर्या का कहना है कि मेरी पत्नी का मेरे बेटों की सफलता में सबसे बड़ा योगदान रहा है. लेकिन आज वह इन खुशियों को देखने के लिए मौजूद नहीं हैं. ड्राइवर जवाहर लाल मौर्या की मानें तो वे हमेशा जिलाधिकारी के ड्राइवर थे और हमेशा ड्यूटी पर रहते थे. ऐसे में मेरी पत्नी मेरे बच्चों को अपना पूरा समय देती और उनकी परीक्षा की तैयारी में सहयोग करती और गाइड करती थी.
वही कहानी है जवाहर लाल मौर्या के बेटे कल्याण सिंह मौर्या की. कल्याण सिंह के पिता ने बहराइच के जिलाधिकारी के ड्राइवर के रूप में हमेशा काम किया. लेकिन जब बेटों ने यूपीपीसीएस परीक्षा पास की उससे 5 साल पहले उनकी मां की मौत हो चुकी थी. जवाहर लाल मौर्या का कहना है कि उनके बेटों की सफलता में उनकी पत्नी को सबसे अहम योगदान है. उनकी प्रेरणा के कारण ही उनके बेटे यूपीपीसीएस सिविल सेवा परीक्षा पास कर सके हैं.
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वही जवाहर लाल मौर्या पिछले 35 साल से जिलाधिकारी संग अपनी ड्यूटी को निभा रहे हैं. इस दौरान उन्होंने अपने बच्चों को भी वैसा ही बनने की प्रेरणा दी. उनके बेटों ने पढ़ाई भी उसी तरह की. जवाहर लाल मौर्या का छोटा बेटा वर्तमान में SDM है. उनके छोटे बेटे कल्याण सिंह मौर्या ने UPPCS 2021 परीक्षा में 40वां स्थान हासिल कर अपने पिता का नाम रोशन कर दिया.