सासाराम| आये दिन रोहतास जिलाधिकारी धर्मेन्द्र कुमार के चर्चे जोरो पर हो रहे हैं| कभी उनके अंदाज को लेकर तो कभी उनके काम करने के तरीके को लेकर| उनके रात्रि विश्राम शिविर की गूंज तो पुरे बिहार में बजने लगी है| तभी तो मुख्यमंत्री इस मॉडल को पुरे बिहार में रोहतास मॉडल के नाम से लागु करने की सोच रहे हैं| अगर सच इस मॉडल को बिहार सरकार द्वारा लागु किया जाता है तो ये सच में रोहतास जिले के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि होगी और जिले का नाम पुरे देश में गूंज उठेगा और इसका सारा क्रेडिट जिलाधिकारी धर्मेन्द्र कुमार को जायेगा|(रोहतास: मुख्यमंत्री की नजर)
जिलाधिकारी अपने रात्रि विश्राम शिविर के क्रम में 20 जुलाई ज़िले के डेहरी अनुमंण्डल के अकोढ़ीगोला प्रखंड के पंचायत बाघाखोह में गए थे जो 21 जुलाई तक चला। जिलाधिकारी लोगों से ‘सीधा संवाद कार्यक्रम’ के तहत तथा पंचायतों में चल रही सरकार की सभी कल्याणकारी एवं विकासपरक योजनाओं की स्थलीय जांच एवं स्थानीय लोगों के रोज़मर्रा की समस्याओं से साक्षात्कार करके उनका सम्यक निस्तार करने के उद्देश्य से गए थे| ज़िले में रात्रि विश्राम शिविरों की श्रृंखला में यह पांचवा रात्रि विश्राम शिविर था।
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बाघाखोह के इस शिविर में आसपास के पंचायतों से ही नही बल्कि समीपवर्ती प्रखंडों से भी लोग, जिलाधिकारी महोदय के पास अपनी समस्याएँ और सुझाव लेकर पंचायत सरकार भवन बाघाखोह पहुंचे। शिविर की सबसे खास बात ये रही कि स्थानीय जनता में असीम उत्साह और सकारात्मक ऊर्जा देखने को मिला और अप्रत्याशित रूप से भारी संख्या में स्थानीय जनसमूह उमड़ पड़ा। जिलाधिकारी ने उपस्थित स्थानीय ग्रामीणों को सरकार की कल्याणकारी और विकासपरक योजनाओं से अपने संबोधन में रूबरू कराते हुए उन सभी के आवेदन पत्र स्वयं संकलित करते हुए उनके सम्यक निस्तार का निर्देश सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को दिया जो उस शिविर में उपस्थित थे। इस प्रकार जिलाधिकारी के सांध्यकालीन पब्लिक इंटरेक्शन में 250 से अधिक व्यक्तियों ने अपने आवेदन पत्र सौंपे जिनमे सर्वाधिक ज्यादा बिजली बिल, प्रधानमंत्री आवास योजना से आच्छादन की मांग, राशन कार्ड, भूमि विवाद,आयुष्मान कार्ड, दिव्यांगता सर्टिफिकेट आदि से सम्बंधित थे।(रोहतास: मुख्यमंत्री की नजर)
इस अवसर पर बाघाखोह में उपस्थित स्थानीय जनसमूह को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि पंचायत, गांव, टोलों की ग्रामीण के दैनिक जीवन की छोटी से छोटी समस्याएँ ही सरकार और जिला प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकताएं हैं जिनके सम्यक और त्वरित समाधान हेतु ही ये रात्रि विश्राम कैम्पों का आयोजन किया जाता है। उन्होंने पंचायत की जनता को आश्वस्त किया कि बाघाखोह का पंचायत सरकार भवन मिनी ब्लॉक के रूप में सक्रियता से सरकार के समस्त विकास कार्यों को मूर्त रूप देगा।
इस रात्रि विश्राम कार्यक्रम के अनुरूप जिलाधिकारी ने रात्रि में स्वयं बाघाखोह पंचायत के विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण करते हुए गांव/टोले के सभी आयु समूह के लोगों से इंटरैक्ट किया। उनकी समस्याओं को सुना एवं तदनुरूप संबंधित विभागों के अधिकारियों को उनके शीघ्र निष्पादन का निदेश दिया। शिविर की एक बड़ी उपलब्धि पात्र लाभुकों को शिविर के दौरान ही राशन कार्ड तथा वृद्धावस्था पेंशन का लाभ , जिलाधिकारी महोदय के हाथों से दिया जाना रहा। इनके लिए विशेष रूप से 10 दिन पूर्व से ही वार्डवार कैम्प लगाए गए थे।(रोहतास: मुख्यमंत्री की नजर)
बाघाखोह पंचायत सरकार भवन अवस्थित स्वास्थ्य उप केंद्र द्वारा दिवा-रात्रि सत्र में लगातार आगंतुकों को औषधि/उपचार दिया जाता रहा। वार्डवार जांच दलों द्वारा, सरकार की सात निश्चय योजना के तहत नाली/गली, नल-जल, मनरेगा के कार्यों, आंगनबाड़ी, पीडीएस, विद्यालय आदि की जांच की गई। जिलाधिकारी ने कहा कि जांच के क्रम में पाई गई गड़बड़ियों अथवा योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी भी स्तर पर पाई गई शिथिलता अथवा लापरवाही की दशा में संबंधित पदाधिकारियों, कर्मियों पर कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। भूमि विवादों के संबंध में भी उन्होंने अनुमंण्डल पदाधिकारी, डेहरी एवं अंचलाधिकारी, अकोढ़ीगोला को प्राथमिकता के आधार पर उनके शीघ्र निष्पादन का निर्देश दिया।