दरभंगा कार्यालय:- मिथीलांचल की संस्कृति और विरासत हमेशा से ही खास रही है। समय का बदलाव हो या शासन का बदलाव,परंतु एक बात आज भी नहीं बदली,और वह यह कि इस प्रांत की सांस्कृतिक विरासत अनंत है,भव्य जिसे निरंतर आक्रमण भी नहीं मिटा पाए। इसी मिथिला से अनेक साधु संत एवं चिंतक निकले हैं,जिन्होंने समय समय पर भारतीय संस्कृति एवं साहित्य में अपना अद्वितीय योगदान दिया। गैर राजनीतिक मंच विभा-2025 के संस्थापक सदस्य
यशवंत सिंह,शंकर आजाद और विनोद सम्राट ने संयुक्त रूप से प्रेस कांफ्रेंस कर उक्त बाते कहते हुए बताया कि 4 फरवरी को मिथीलांचल के हृदयस्थली दरभंगा के पोलो मैदान,लहेरियासराय स्थित (प्रेक्षागृह में परिचर्चा का आयोजन किया गया है जिसमे मुख्य वक्त के रूप में पूर्व केंद्रीय मंत्री व सारण के सांसद राजीव प्रताप रूडी होंगे। जिसमें तीन दशक से भी अधिक समय से राजनीति में सक्रिय रहकर जनसेवा के विविध आयामों से आमजन को लाभान्वित करने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री सह सारण सांसद राजीव प्रताप रुडी मुख्य वक्ता होंगे। वही यशवंत सिंह ने कहा कि मिथिलांचल की हृदयस्थली दरभंगा सदैव से ज्ञान,चर्चा एवं संस्कृति का केंद्र रहा है। यही
कारण है कि दरभंगा को मिथीलांचल के हृदयस्थली के रूप में जाना जाता है। इस क्षेत्र का शिक्षा के क्षेत्र में योगदान
अविस्मरणीय है। परन्तु आज हमारे युवा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और रोजगार के लिए यहाँ से पलायन कर रहे है। यह हाल पूरे
बिहार का है। प्राचीन काल से ही बिहार ने लोकतंत्र,शिक्षा,राजनीति,धर्म एवं ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में देश को ही नहीं
बल्कि दुनिया को मार्गदर्शन देने का कार्य किया है। गैर राजनीतिक मंच विजन बिहार,एजेण्डा-2025,विभा-2025,बिहार का पिछड़ापन,बिहार,बिहारी और उनके विकास के मुद्दे पर चर्चा के लिए राजनीतिक दलों,बुद्धिजीवियों और
देश-विदेश में बसे बिहार की प्रतिभा को अपने मंच पर आमंत्रित कर बिहार की राजनीति में एक एजेंडा स्थापित करने के
लिए संकल्पित है। विभा द्वारा अपने मंच से सभी राजनीतिक दलों को जनता के बीच अपनी बात को रखने के लिए आमंत्रित किया जाता है। इसी श्रृंखला में राजीव प्रताप रुडी को आमंत्रित किया गया है। सांसद श्री रुडी विविध
प्रतिभाओं से संपन्न राजनेता है। वे न केवल राजनीतिक जीवन में बल्कि अन्य गतिविधियों में भी संलग्न है और दूसरे
तरीकों से भी आमजन की सेवा में लगे है। रुडी दुनिया में ऐसे इकलौते सांसद है जिनका नाम लिमका बुक ऑफ वर्ल्ड
रिकार्ड में इसलिए दर्ज है कि वो सांसद होने के साथ-साथ एक व्यावसायिक लाइसेंसधारक पायलट भी है। इसके अलावा पठन-पाठन में रुची रखने वाले रुडी महाविद्यालय में अर्थशास्त्र के शिक्षक तो है ही साथ ही पटना उच्च न्यायालय में पंजीकृत वरिष्ठ अधिवक्ता भी है। उनके अनुभव का लाभ आमजन तक पहुंच सके इसलिए मंच द्वारा उन्हें मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया है। वही शंकर आजाद ने कहा कि भारत के दानवीरों की बात की जाए,तो उनमें दरभंगा राज का नाम स्वर्णिम अक्षरों से लिखा जाएगा। राजपरिवार की शिक्षा,संस्कृति,संगीत को सहेजने और उदार दानशीलता अविस्मरणीय है। खासकर शिक्षा के क्षेत्र में बिहार की उनकी देन सदैव याद किया जायेगा। परन्तु आज बिहार जो कभी देश के स्वर्णिम युग का निर्माता रहा आज जातिवादी,क्षेत्रवादी राजनीतिक के चक्रव्यूह में उलझकर इतना पीछे हो चुका है कि दुनिया के सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा एवं प्रचुर श्रमशक्ति के रहते हुए भी पिछड़ेपन के अंधकार में भटकने को विवश है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में विभा मंच का मुख्य उदेश्य बिहार के पिछड़ेपन के कारणों पर चर्चा करना और कराना है। विभा-2025 का मंच सजा है जिसपर सभी राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया जा रहा है जो बिहार के पिछड़ेपन के कारणों,इसे दूर करने की अपनी दृष्टि को जनता
के बीच रख रहे है क्योंकि,नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार बिहार कई स्तरों पर देश का सबसे पिछड़ा राज्य है। वही विनोद सम्राट ने बताया कि विभा-2025 मंच सभी राजनीतिक और सामाजिक बुद्धिजीवियों को अपने मंच पर
आमंत्रित कर रहा है। शिक्षा,स्वास्थ्य,रोजगार आदि में किस प्रकार बिहार पिछड़ गया,इस पर बड़ी बहस राज्य के जिलों में मंच द्वारा कराया जा रहा है। इसके पूर्व विभा-2025 की सभा का आयोजन भभुआ,मोहनिया,रोहतास,गया,औरंगाबाद,भोजपुर,बक्सर,जहानाबाद,अरवल और समस्तीपुर में हुआ था। विभा 2025 के आयोजित कार्यक्रमों में
हजारों लोग और कई अधिवक्ता,पत्रकार,शिक्षक व अन्य बुद्धिजीवी,महिलाओं ने शिरकत की जिसे लाखों लोगों ने ऑनलाइन देखा और सुना। विभा 2025 ने रुडी को अपने मंच पर आमंत्रित किया है। आयोजित संवाददाता सम्मेलन में
संस्थापक राजेश कुमार सिंह
सदस्यों सलीराम सिंह,कामेश्वर सिंह उपस्थित थे।