दरभंगा: जिले के हायाघाट प्रखंड में 1958 में दरभंगा राज (खंडवाला राजवंश) द्वारा अशोक पेपर मिल का स्थापना किया गया था। लेकिन सरकारी उदासीनता के कारण कई बार मिल चालू हुआ और कई बार बंद हुआ। फिर वर्ष 1998 में धर्म गोधा द्वारा पेपर मिल चालू किया गया। लेकिन तकनीकी वहज से वर्ष 2014 में यह पेपर मिल फिर से बंद हो गया। जिसके बाद इस मिल को पुनः चालू करने के लिए लगातार आंदोलन चला। जिसका असर देखने मिला। बिहार सरकार के उधोग मंत्री शहनवाज हुसैन दरभंगा स्थित पेपर मिल पहुंचे और निरीक्षण किया।(दरभंगा: उद्योग मंत्री शहनवाज)
वही निरीक्षण के बाद मीडिया से बात करते हुए शहनवाज हुसैन ने कहा कि अशोक पेपर मिल पर बयानबाजी करने की जरूरत नहीं है। इसको चालू कैसे चालू किया जाए और इस परिसर में इंडस्ट्री कैसे लगे इस पे ध्यान देने की जरूरत है। यहां के इलाके के जो लोग हैं, वे इंडस्ट्री लगाना चाहते हैं। उसपे काम करने की जरूरत है। वही उन्होंने कहा कि पिछली बार जब पेपर मिल शुरू हुआ था, तब विवाद के चलते गोली भी चली थी। उसके बाद मिल बंद हो गया था।इसीलिए इस बार विवाद नहीं करना है जो भी समस्या है सारे पक्ष को एक होकर इसका हल निकालना है। (दरभंगा: उद्योग मंत्री शहनवाज)
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इस बंद पड़े अशोक पेपर मिल को कैसे चालू किया जाए, इसको लेकर हम लोग विजिट कर रहे हैं। हमने ट्रेड यूनियन वाले लोगों को बुलाकर विषय समझा था। हम लोग निष्पक्षता से इसका हल करेंगे। अगर दरभंगा के इलाके में उद्योग बढ़ेगा तो यही से बढ़ेगा। क्योंकि जो पुराना है, उसी को स्थापित करना है। वही उन्होंने कहा कि अभी लोहट में ढाई लाख लीटर का इथेनॉल प्लांट बनने जा रहा है। 65 हजार लीटर का पूर्णिया में बना। लेकिन मधुबनी मिथिला में ढाई लाख लीटर का बन रहा है और सारे के एग्रीमेंट हो गए हैं और काम शुरू होने वाला है।
वही शहनवाज हुसैन ने कहा कि लोहट चीनी मिल को पुनः चालू करने के लिए हमने दूसरी कंपनी को कहा है। वही उन्होंने कहा कि यहां पर बड़ी तादाद में उद्योग लग सकता है। लेकिन इसमें कोई नेतागिरी नहीं करनी है। किसी को किसी को विवाद नहीं करना है। चाहे पीएफ की समस्या हो या फिर मजदूर की समस्या हो। सब हित को हम ध्यान रखेंगे इसको चलाने की कोशिश करेंगे।