बिक्रमगंज। मामूली सी नाली विवाद में पिछले महीने 20 मार्च को सूर्यपुरा थाना क्षेत्र अंतर्गत आगरेड़ खुर्द निवासी राजदेव पासवान की गांव के ही कुछ दबंगों ने मिलकर हत्या कर दिया था। (दलित हत्याकांड के आरोपी)
3 दिनों से जारी तनाव में हुई थी खूनी खेल
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक 17 मार्च को अगरेर खुर्द गांव में नाली के ऊपर रखा पत्थर का स्लैब नाली में गिरने और उसे निकाल कर हटाने को लेकर विवाद हो गया था। तब गांव के दबंगों ने नींबू राम की पिटायी कर दी थी। उसी विवाद में 20 मार्च को भी दोनों पक्षों में नोंक झोक हो रहा था कि दबंगों के पक्ष से हुई ताबड़तोड़ फायरिंग में राजदेव पासवान और संतोष पासवान को गोली लग गयी। गोली लगने से राजदेव पासवान की मौक़ा ए वारदात पर हीं मौत हो गयी जबकि आनन फानन में संतोष पासवान को बिक्रमगंज के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था इलाज के बाद संतोष पासवान की हालत खतरे से बाहर बताई गई थी। (दलित हत्याकांड के आरोपी)
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अभी भी नहीं हुई है आर्म्स लाइसेंस रद्द
विदित हो कि घटना के बाद मामले की पुष्टि करते हुए रोहतास पुलिस कप्तान आशीष भारती ने बताया था कि दलितों पर गोलीबारी करने में प्रयुक्त अग्नेयास्त्र लाइसेंसी है या अवैध इसी जांच की जा रही है। साथ ही वारदात में नामजद अभियुक्तों के आपराधिक इतिहास खंगालने सहित अन्य कई बिन्दुओं पर जांच का आदेश एसआईटी को देने की बात कही थी। जांच उपरांत पता चला कि किस हथियार से गोलीबारी की गई थी वह हथियार लाइसेंस की है और उसकी लाइसेंस रद्द करने की अनुशंसा की गई है ।लेकिन रामगंज एसडीपीओ के अनुसार अभी तक हथियार का लाइसेंस रद्द नहीं किया गया केवल अनुशंसा ही चल रहा है।
दबंगों के विरुद्ध मृतक की पत्नी ने कराई थी प्राथमिकी दर्ज
मृतक राजदेव पासवान की पत्नी इंदु देवी ने गांव के ही 8 दबंगों पर स्थानीय सूर्यपुरा थाना कांड संख्या 32/ 22 प्राथमिकी दर्ज कराई थी। जिसमें धारा 147/148/149/341/323/447/307/302/504 एव 27 आर्म्स एक्ट एव sc-ct एक्ट दर्ज किया गया था।
8 में से एक अपराधी को पकड़ने में अभी तक सफल रही पुलिस
हत्या के बाद दर्ज प्राथमिकी के अनुसार 8 अपराधियों को नामजद अभियुक्त बनाया गया था। जिसमें हत्या के 22 वा दिन पुलिस केवल एक अपराधी को पकड़ने में सफल रही है।