साहेबपुरकमाल| दुरूह भौगोलिक बनावट के बीच जिले के पूर्वी छोर पर अवस्थित साहेबपुरकमाल प्रखंड के हजारों किसान प्रतिवर्ष बाढ़ की विभीषिका से कराहते रहते हैं।प्रतिकूल परिस्थितियों में खेती किसानी कर अपने परिवार का भरण पोषण करने वाले इन किसानों को स्थानीय दबंगों की दबंगई का भी शिकार होना पड़ता है।हरवे हथियार के बल पर खेत में लगी फसल को लूट कर मेहनतकश गरीब किसानों की कमर तोड़ने वाले दबंगों को स्थानीय प्रशासन-पुलिस,मुखिया और सरपंच का भी कोई डर भय नहीं है।इन दबंगों की करतूत के शिकार हुए समस्तीपुर पंचायत के स्व. शिवशंकर सिंह के पुत्र प्रभाकर कुमार सिंह ने पुलिस कप्तान योगेंद्र कुमार को आवेदन देकर गुहार लगाते हुए कहा कि वे समस्तीपुर दियारा मौजे में एक एकड़ की जमीन पर खेती कर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं।उन्होंने अपने मवेशियों के लिए उक्त जमीन में हरा चारा लगा रखा था जिसे समीपवर्ती बहलोरिया गांव के कुछ दबंग पशुपालकों ने हरवे हथियार के बल पर न सिर्फ चारा को भैंस से चरवा दिया बल्कि उनके साथ मारपीट भी की। (दबंग पशुपालकों ने दिनदहाड़े)
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थाना ने नहीं लिया संज्ञान और मुखिया सरपंच की दरबारी कर थक गया है किसान विकलांग किसान प्रभाकर सिंह ने बताया कि बहलोरिया निवासी बीजो यादव,महेश महतो,इंद्रदेव यादव सहित अन्य दबंगों के आतंक से बहियार के अन्य किसान भी आतंकित हैं।दबंग पशुपालक जबरन अपनी मवेशी को किसी की भी लहलहाती फसल को चरा देता है और विरोध करने पर मारपीट कर खदेड़ देता है।पीड़ित ने बताया कि दबंगों ने विरोध करने पर उन्हें भी लाठी डंडे से जमकर पीटा है।उन्होंने बताया कि वे आवेदन लेकर कई दफे थाना पर गए जहां उन्हें मुखिया और सरपंच के यहां जाकर फैसला करवाने की नसीहत दी गई। (दबंग पशुपालकों ने दिनदहाड़े)
मुखिया और सरपंच की बातों को भी नहीं मानते हैं दबंग पशुपालक
पीड़ित ने बताया कि उन्होंने मुखिया और सरपंच को भी इसकी लिखित जानकारी दी है।पूर्व मुखिया महेंद्र यादव और वर्तमान सरपंच पति डब्लू यादव की मौजूदगी में पंचायत करने पर भी सहमति बनी लेकिन पुलिस की निष्क्रियता की वजह से दबंगों का मनोबल चरम पर है और इस वजह से बहियार में खेती किसानी करना मुश्किल हो गया है।उन्होंने एसपी से गुहार लगाया है कि दोषी व्यक्तियों को दंडित करते हुए उन्हें बहियार में खेती करने के लिए सुरक्षात्मक माहौल प्रदान किया जाए ताकि क्षेत्र के सभी किसान शांति के साथ कृषि कार्य कर सकें।