मीडिया दर्शन/ चेनारी। कैमूर पर्वत श्रृंखला के गोद में सुरम्य वातावरण प्रकृति के सानिध्य में स्थित भगवान शिव के प्राचीन मंदिर जिसे गुप्तेश्वर नाथ धाम के रूप में जाना जाता है। स्थानीय लोग इस धाम को गुप्ता धाम भी कहते हैं। प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर श्रद्धालुओं के श्रद्धा का केन्द्र रहा। खबर लिखे जाने तक लगभग तीन लाख श्रद्धालु यहां दर्शन करने आ चुके हैं। अभी भी मार्ग में यात्रियों की लंबी कतारें लगी हुईं हैं।
पांच राज्यों के भक्तगण आते हैं
पांच राज्यों के भक्तगण अपने आराध्य देव भगवान शिव का दर्शन पूजन करने इस धाम पर पहुंच रहे हैं। मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, छतीसगढ़, झारखंड और बिहार के विभिन्न हिस्सों से लोग यहां पहुंच रहे हैं। हर हर महादेव, गुप्तेश्वर नाथ की जय, बाबा गुप्ता धाम की जय इत्यादि के जयकारे से पूरा वातावरण गुंजायमान है। यह मंदिर आदि काल से लोगों के आस्था का केन्द्र रहा है। इस मंदिर का निर्माण कब हुआ यह बता पाना संभव नहीं है।
कैसे पहुच सकते हैं आप
यहां पहुंचने के लिए अनेक मार्ग हैं जिसमें मुख्य मार्ग के रूप में बनारस के तरफ से आ रहे यात्रियों को एनएच दो जीटी रोड से कुदरा के समीप सकरी से दाहिने हाथ सकरी चेनारी पथ में मुड़ जाना है।एनएच2 के दाहिने किनारे जीटी रोड से सटे गुप्तेश्वर नाथ धाम का प्रवेश द्वार यानि की गेट बना हुआ। इस मार्ग पर चलकर चेनारी पहुंच जाना है फिर चेनारी से दुर्गावती जलाशय जाने वाले मार्ग पर चलकर दुर्गावती जलाशय पहुंच जाना है फिर वहां से गुप्तेश्वर नाथ धाम का मार्ग मिलता है वहीं सासाराम से आ रहे यात्रियों को जीटी रोड एनएच2 से सासाराम से शिवसागर आना पड़ेगा फिर वहां से बाएं हाथ शिवसागर, चेनारी पथ पर चलकर चेनारी फिर वहां से दुर्गावती जलाशय पर पहुंचना होगा। मंदिर के पास दोपहिया वाहन से, ट्रैक्टर से और पैदल चलकर जाया जा सकता है।चारपहिया वाहन से मंदिर पर नहीं जाया जा सकता है। चरपहिया वाहन को दुर्गावती जलाशय के पास बने अस्थायी पार्किंग में खड़ा किया जा सकता है।
कुल मिलाकर अनादि काल से यह मंदिर पांच राज्यों के आस्था केन्द्र है। हरेक साल लाखों श्रद्धालु यहां आकर अपने आस्था के सागर में डुबकी लगाकर अपने आप को धन्य और पुण्य का भागी बनते हैं।