पटना डेस्क: बिहार कांग्रेस में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। आज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कदवा के विधायक डॉ शकील अहमद को बिहार में कांग्रेस का विधानमंडल नेता घोषित कर दिया गया है। इसके साथ ही अजीत शर्मा की छुट्टी हो गई है। इस खबर के बाद से ही कहा जा रहा हैं कि कांग्रेस में कोई बड़ा बदलाव होने वाला है, जिसकी तैयारी पार्टी आलाकमान ने कर ली है।
बता दें, विधानमंडल दल के नेता चयन के लिये आब्जर्वर बनाए गए बिहार के पूर्व प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल (Shakti Singh Gohil) ने शकील अहमद के नाम की घोषणा की। इससे पहले पार्टी विधायक दल की बैठक में विधानमंडल दल के नेता के नाम पर विचार विमर्श किया गया। बीते पांच-छह महीनों से विधानमंडल दल के नेता के बदलने की चर्चा तेज थी। बिहार कांग्रेस अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी पिछले वर्ष दिसंबर में डॉ अखिलेश सिंह को सौंपने के बाद से चर्चा थी कि विधानमंडल दल के नेता पद का जिम्मा अल्पसंख्यक समाज के किसी कार्यकर्ता को सौंपा जा सकता है। एक ही राज्य में दो महत्वपूर्ण पद सवर्ण समाज से आने वाले नेताओं को देकर कांग्रेस चुनावी राजनीति में अपने लिए संकट नहीं लेना चाहती थी।
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वहीं, हाल ही में प्रदेश नेतृत्व ने बिहार के सभी 39 जिलों में जिला अध्यक्ष नियुक्त किए थे। जिला अध्यक्षों के अधिकांश पद सवर्ण समाज से आने वाले नेताओं को सौंपे गए थे। इसके बाद करीब-करीब यह तय हो गया था कि विधानमंडल दल के नेता पद का जिम्मा किसी अल्पसंख्यक नेता को सौंपा जा सकता है। इस कवायद को अंतिम रूप देने के लिए कांग्रेस आला कमान ने बिहार कांग्रेस के पूर्व प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल को आब्जर्वर के रूप में बिहार भेजा।