पटना डेस्क: बिहार में सीएम नीतीश कुमार के विपक्ष एकता मीटिंग को लगातार झटके पर झटके मिलते जा रहे हैं। पहले यह मीटिंग 12 जून को होने वाली थी। जिसे अब कैंसिल करके 23 जून को कर दिया गया है। इसके बाद अब तेजस्वी यादव ने साफ किया है कि इस मीटिंग में कुछ बड़े नेता भी शामिल नहीं होने वाले हैं। उन नेताओं में सबसे पहले केसीआर का नाम शामिल है।
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एक रिपोर्ट के अनुसार जब आज तेजस्वी यादव से बैठक में तेलांगना के सीएम के आगमन को लेकर सवाल किया गया तो वो कन्नी काटते हुए नजर आए। तेजस्वी यादव ने महज कितना कहते हुए सवालों को अनसुना करते रहे कि – उनकी बात नहीं हुई है हमलोग मीटिंग कर रहे हैं। ऐसे में यह सवाल उठना शुरू हो गया है कि, आखिर इतनी बड़ी मीटिंग में उनसे बात नहीं होने या उनके नहीं आने के पीछे की वजह क्या है। ऐसा नहीं है कि केसीआर बिहार नहीं आए लेकिन इसके बाबजूद इतनी बड़ी मीटिंग में उनका शामिल नहीं होना सबकुछ सही नहीं होने का संकेत दे रहा है।
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मीडिया द्वारा जब तेजस्वी यादव से बातचीत की जा रही थी, तब उनसे पूछा गया कि विपक्षी पार्टी की मीटिंग में कौन-कौन आ रहा है, जिस पर जवाब देते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि सभी बड़े नेता आ रहे हैं। इसके बाद मीडिया ने जब उनसे केसीआर पर सवाल किया तो वह थोड़े से नाराज हो गए और उन्होंने साफ कहा कि अभी तक केसीआर पर इस मामले में बात नहीं हुई है। अब सवाल यह उठता है कि इतनी बड़ी मीटिंग होने वाली है और इतने बड़े नेता से अभी तक इस बारे में बातचीत नहीं हुई है। लोगों का कहना है कि केसीआर ख़ुद मीटिंग में नहीं आना चाहते हैं।
बता दें, राजनीतिक जानकारों का कहना है कि तेलंगाना के सीएम केसीआर खुद प्रधानमंत्री चेहरा के रूप में देख रहे हैं। इसको लेकर वो देश भर के तमाम अखबारों में अपना संदेश भी दिलवा रहे हैं। ऐसे में अगर वह विपक्षी एकता की मीटिंग में शामिल होते हैं तो फिर विपक्षी दलों के तरफ से प्रधानमंत्री चेहरा को लेकर जो नाम तय होगा उन्हें उनका समर्थन करना होगा। इस लिहाजा यह माना जा रहा है कि केसीआर इस बैठक से दूरी बना रहे हैं। इसके साथ ही साथ वह नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री चेहरा के रूप में देखना नहीं चाहते हैं।