मीडिया दर्शन/तेघड़ा: पांच दिवसीय ऐतिहासिक जन्माष्टमी महोत्सव मंगलवार को तेघड़ा नगरी भगवान श्री कृष्ण के भक्ति में सराबोर रहने के बाद विभिन्न पूजा मंडपों के पूजा समितियां द्वारा प्रतिमाओं का विसर्जन हर्षोल्लास पूर्ण माहौल में किया गया। प्रशासन द्वारा मूर्ति विसर्जन के लिए स्थल और तिथि निर्धारित की गई थी। सभी पूजा पंडालों में विसर्जन का कार्य चार बजे से शुरू हो गया जो देर शाम तक जारी रहा। भक्तों ने नम आंखों के साथ कान्हा को विदा किया। हर भक्तों के आश्रुपुरित आंखें स्पष्ट बता रही थी कि इस दौरान श्रद्धालुओं ने काफी मायूसी के साथ भगवान श्री कृष्ण को विदा किया। वही जन्मोत्सव को लेकर पूरा नगरीय क्षेत्र अंतिम विदाई के दौरान उमड़ पड़ा। सत्संग मंदिर मेला मंडप के द्वारा विसर्जन यात्रा का मुख्य केंद्र बिंदु पारंपरिक प्राचीन नृत्य कला के साथ उसकी साज सज्जा दर्शकों को खूब भाया।
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भक्तों ने विदाई के दौरान सुख, शांति – समृद्धि और निरोग रहने की कामना की। भक्तों की टोली विभिन्न वाहनों पर सुसज्जित गाजे बाजे के साथ आकर्षक विसर्जन यात्रा के दौरान जय कन्हैया लाल की,राधे गोपाल की और विभिन्न नाम के जयकारे लगाते हुए विसर्जन स्थल पर पहुंचकर गंगा के पवित्र जल में प्रतिमाओं का विसर्जन किया। उधर मूर्ति विसर्जन को लेकर प्रशासनिक व्यवस्था चुस्त- दुरुस्त देखी गई। विसर्जन क्षेत्र में जगह-जगह पुलिस पदाधिकारी एवं पुलिस बल्कि तैनाती की गई थी