पटना डेस्क: बिहार में लगातार सियासत तेज है। नागालैंड में पिछले दिनों जो भी हुआ था, उसके बाद अब उसका असर बिहार पर भी साफ रूप से दिखाई दे रहा है। नागालैंड जेडीयू अध्यक्ष सेन्चुमो लोथा (Senchumo Lotha) और उनकी पार्टी के एकमात्र विधायक ज्वेंगा सेब (Jwenga Seb) ने मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो की एनडीपी-बीजेपी गठबंधन वाली सरकार को अपना समर्थन दिया।
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इस खबर से बिहार में लगातार खलबली मच गई और सीएम नीतीश कुमार ने तत्काल प्रभाव से राज्य इकाई को भंग कर दिया। जिसके बाद अब बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने नीतीश कुमार पर हमला बोला है और कहा कि अभी तो यह जेडीयू में विद्रोह की शुरुआत हुई है। उन्होंने कहा कि जब से नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया तब से जदयू के तमाम नेता विद्रोह पर है।
सुशील मोदी ने आगे कहा कि कुशवाहा ने भी सिर्फ इसी वजह से पार्टी छोड़ने का फैसला किया था। नागालैंड में भी एकमात्र विधायक ने जेडीयू का साथ छोड़कर बीजेपी को अपना समर्थन दिया है, जबकि ललन सिंह ने वहां कैंप किया था, लेकिन जदयू की पूरी इकाई ने बीजेपी को समर्थन करने का ऐलान किया था। जदयू में जो आग लगी है इससे भारी विस्फोट होगा।
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बता दें, विपक्षी दलों ने जांच एजेंसी के खिलाफ पत्र लिखा है, लेकिन उसमें नीतीश कुमार का नाम नहीं. इसको लेकर सुशील मोदी ने कहा नाम क्यों नहीं है, यह तो मुझे नहीं पता है। लेकिन, जिन नौ लोगों ने पत्र पर हस्ताक्षर किया है उनमें से अधिकांश वे लोग हैं, जो भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी हैं।