Bihar Politics: बिहार में आनंद मोहन की रिहाई को लेकर सियासत गर्म है। सीएम नीतीश कुमार के फैसले के बाद देशभर के लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं और अब मांझी ने ऐसा बयान दे दिया है, जिसके बाद अब हर कोई सवाल उठाने लगा हैं।
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दरअसल,बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी आनंद मोहन का समर्थन किया है। मांझी ने कहा है कि, मैं आनंद मोहन को अपराधी नहीं मानता वो बुरे इंसान नहीं हो सकते हैं, दूसरे लोग चाहे जो समझें। मांझी ने कहा कि, मैं आनंद मोहन को बुरा आदमी नहीं मानता हूं, दूसरे लोग चाहे जो समझे। मांझी ने कहा कि- आनंद मोहन की बातों को देखने के बाद वह क्रिमिनल नेचर के इंसान नहीं लगते। उन्होंने एक नहीं बल्कि कई किताबें लिखी है। इसलिए मैं नहीं मानता हूं कि आनंद मोहन के छूट जाने से गरीब पर बहुत अत्याचार होगा।
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वही जीतन राम मांझी ने आगे अपने बयान में कहा कि कानून में बिहार सरकार ने जो संशोधन किया है वह बिहार सरकार का अपना निर्णय है। सरकार सोच-विचार कर ही कानून में संशोधन किया होगा। मैं बस इतना ही कह सकता हूं कि, ऐसा कानून सबके लिए होना चाहिए। बिहार सरकार ने यह फैसला सोच समझ के लिया होगा।
एक रिपोर्ट के अनुसार आनंद मोहन बिहार के एक दलित डीएम को बर्बरता से पीट-पीट कर मार डालने के दोषी हैं। 5 दिसंबर 1994 में मुजफ्फरपुर के पास आईएएस अधिकारी जी. कृष्णैया की हत्या कर दी गयी थी। जी. कृष्णैया गोपालगंज के डीएम थे। वे पटना से गोपालगंज जा रहे थे कि रास्ते में बर्बरता के साथ उनकी हत्या कर दी गयी थी। पूर्व डीएम आंध्रप्रदेश के रहने वाले थे। वे बेहद गरीब दलित परिवार से आते थे और उनकी गिनती बिहार के सबसे इमानदार अधिकारियों में होती थी।